अब मनचलों की खैर नहीं,छेड़छाड़ को ले सक्रिय हुई पुलिस
सुपौल। पुलिस-प्रशासन और निजी को¨चग संचालकों के बीच सदर थाना परिसर में सोमवार को एक बैठक
सुपौल। पुलिस-प्रशासन और निजी को¨चग संचालकों के बीच सदर थाना परिसर में सोमवार को एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें को¨चग संचालकों को पुलिस-प्रशासन की ओर से कई दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक को संबोधित करते हुए डीएसपी विद्यासागर ने कहा कि को¨चग संचालकों द्वारा कुछ छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज किए जाने से न सिर्फ शैक्षणिक माहौल बिगड़ता है, बल्कि कुछ ऐसी घटना घट जाती है जो समाज को कलंकित करने के साथ पुलिस के लिए भी मुसीबत खड़ी कर देती है। ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए को¨चग संचालक और पुलिस के बीच संवाद स्थापित कर घटना पर रोक लगाई जा सकती है। कहा कि सुरक्षा के ²ष्टिकोण से सभी को¨चग संचालक अपने संस्था का पंजीयन थाने में करवा लें तथा इस बात का ख्याल रखें कि छात्र-छात्राओं के नामांकन के समय उनके आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो तथा मोबाइल नंबर अवश्य रूप से लें। ताकि बच्चों के वर्ग कक्ष से अनुपस्थिति की स्थिति में उनके अभिभावकों से संपर्क साधा जा सके। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करें कि को¨चग का संचालन 6 बजे पूर्वाह्न के बाद ही किया जाए। यदि संभव हो तो सभी संचालक अपनी संस्था में सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगा लें। खासकर बच्चों के ड्रेस कोड का सख्ती से पालन करें। अक्सर छात्र-छात्राओं का भड़काऊ ड्रेस वाले बच्चों को चिन्हित कर पहले उनके अभिभावकों को बताएं। जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद लें ताकि पुलिस उनके अभिभावकों को समझा सके। यह भी सुनिश्चित करें कि बच्चे क्लास रूम में मोबाइल का व्यवहार न करें। यदि कोई अवांछित व्यक्ति संस्था के इर्द-गिर्द मंडराता हो या फिर आपसे किसी तरह की रंगदारी या डराता धमकाता हो तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। बैठक में उपस्थित राष्ट्रीय सार्वजनिक मेला के सचिव युगल किशोर अग्रवाल ने कहा कि विषयवार पढ़ाई के साथ-साथ आप सभी बच्चों में नैतिक शिक्षा का भी बोध करावें ताकि बच्चे सही गलत में अंतर समझ सके और छेड़खानी जैसा मामला सामने न आए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को इस तरह की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में थानाध्यक्ष वासुदेव राय, पंचम साह, सत्यम राज, कुमार भाष्कर, सिन्टू कुमार, प्रमोद कुमार, दिनेश चौधरी, संतोष कुमार, एमपी यादव आदि मौजूद थे।