लोक अदालत का लाभ उठा कर सुकून की जिदगी जीएं लोग
सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के सदानंदपुर गांव के वार्ड नंबर 1 निवासी नेत्रहीन किसान सोमेश्वर साह के खाते से कृषि समन्वयक सत्यनारायण प्रसाद गुप्ता द्वारा झांसा देकर 10 हजार रुपये के निकासी करने के मामले का अब तक जिला स्तरीय टीम द्वारा जांच नहीं किए जाने से झिल्ला-डुमरी तथा शाहपुर पृथ्वीपट्टी पंचायत के किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दोनों पंचायत क्षेत्र के कई किसानों का कहना है कि इतने गंभीर मामले का जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने नेत्रहीन किसान के घर आकर जांच की और जिला स्तर की टीम गठित कर कृषि समन्वयक के द्वारा किए गए सभी धांधली को सामने लाने का आश्वासन दिया था।
सुपौल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के निर्देश पर शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले एक दिवसीय राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र, अपर समाहर्ता अखिलेश कुमार झा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विद्यासागर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रदीप कुमार चौधरी समेत अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मौके पर एडीजे तृतीय रवि रंजन मिश्र ने कहा कि आयोजित लोक अदालत का मकसद छोटे-छोटे वादों का आपसी समझौता के आधार पर निपटारा कर लोगों को समाज में सम्मान की जिदगी जीने का है। ऐसे वादों में लोगों का धन के साथ-साथ समय और ऊर्जा की भी बचत होती है। अगर वह सकारात्मक सोच के साथ ऐसे अवसर का लाभ लेते हैं तो फिर यह समय, धन और ऊर्जा का उपयोग अपने परिवार के विकास पर लगा कर आगे बढ़ सकते हैं। कहा कि आज जिस अनुपात में विवाद बढ़ रहा है उस अनुपात में अदालत छोटा पड़ रहा है। इस कारण नियमित अदालतों में दिन व दिन मुकदमों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके कारण लोगों को समय से न्याय नहीं मिल पाता है। यह मौका न्यायालय की लंबी प्रक्रिया और खर्च से बचने का उपाय है। कहा कि इस कोर्ट में ना कोई पक्षकार होता है और न विपक्षी। बल्कि फैसला आपसी समझौता के आधार पर होता है और कोर्ट की सिर्फ मुहर लग जाती है। उन्होंने लोगों से कहा कि लड़ने से कोई लाभ नहीं मिलता। बल्कि वह हमेशा नुकसान दे जाता है। यदि कोई आपस में विवाद होता है तो आप उन्हें माफ कर दें। इससे आपका कद बढ़ेगा ही। अपर समाहर्ता अखिलेश कुमार झा ने कहा कि आयोजित लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबी प्रक्रिया से निजात पाना है। खासकर वैसे लोग जो न्याय खर्च वहन करने में असमर्थ होते हैं वे इस मंच के माध्यम से बिना किसी खर्च के अल्प समय में झंझट से छुटकारा पाकर सम्मान की जिदगी जी सकते हैं। कहा कि परिवादी की भी मंशा होनी चाहिए कि अधिक से अधिक वादों का निपटारा कर लोगों को सुकून की जिदगी जीने का अवसर दें। कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रदीप कुमार चौधरी ने आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यदि लोगों में इस परंपरा का विकास हो जाए तो फिर अदालत पर से मुकदमों का बोझ कम होने के साथ-साथ लंबित मामलों का फैसला भी जल्द हो सकता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में आपराधिक, बैंक ऋण, वसूली, मोटर दुर्घटना, दावा, न्यायिक वाद, बिजली, टेलीफोन संबंधित वाद, भूमि अधिग्रहण, राजस्व दीवानी आदि से संबंधित वादों के आपसी समझौता के आधार पर निपटारा की व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ नवीन कुमार ठाकुर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम कमलेश चंद्र मिश्र, षस्टम पाठक आलोक कौशिक, अवर न्यायाधीश षस्टम ज्योति कश्यप, अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रह्लाद कुमार, समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारी न्यायालय कर्मी बैंक कर्मी समेत वादों से जुड़े लोग उपस्थित थे