मतदाताओं को रिझाने के लिए हर चाल चल रहे प्रत्याशी
लगातार हो रहे विकास में सुगम यातायात ही विकास का रास्ता माना जा रहा है। चुनाव में भी नेताओं द्वारा वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए सड़क के विकास की चर्चा कर लोगों का दिल जीतना चाहते हैं। लेकिन जिले का हृदय स्थली सिमराही बाजार पिछले कई वर्षों से जाम के झाम में फंसा
जागरण संवाददाता, सुपौल: तीसरे चरण में होने वाले मतदान को लेकर रविवार को चुनाव प्रचार का शोर थम गया। अब जबकि मतदान में महज 24 घंटे का ही समय शेष रह गया है तो ऐसे में प्रत्याशियों द्वारा वोटरों को अपने-अपने पक्ष में गोलबंद करने और मनाने को लेकर सारी ताकत झोंक दी गई है। प्रचार के अंतिम दिन रविवार को जहां प्रत्याशी समेत अन्य नेताओं ने एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में रोड शो किया। वहीं महागठबंधन के प्रत्याशियों द्वारा भी जगह-जगह मतदाताओं को रिझाने का भरसक प्रयास किया गया। सुपौल लोकसभा चुनाव में कहने को तो 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हैं। परंतु मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ही दिखाई दे रहा है। इन दोनों प्रत्याशी व उनके समर्थकों द्वारा वोट बैंक को टारगेट कर हर चाल चला जा रहा है। एक-दूसरे को पटकनी देने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। प्रचार के अंतिम दौर में प्रत्याशियों द्वारा तरकश में रखे हर वाण का प्रयोग किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस चुनावी महासमर में ताल ठोक रहे प्रत्याशियों द्वारा एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी करने के लिए कोई तरकीब नहीं छोड़ रहा है। इन्हें रिझाने का हर चाल चला जा रहा है। नेता व उनके समर्थकों द्वारा चौपाल से लेकर खेत-खलिहान का सफर तय किया जा रहा है। प्रचार के अंतिम दौर में एक दूसरे के वोट बैंक का गणित बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर वोट बैंक वाले क्षेत्रों में लगातार कैंपिग के साथ-साथ क्षेत्र के प्रमुख लोगों द्वारा एक-दूसरे में सेंधमारी करने की कोशिश की जा रही है। इधर जनता किसी को नाखुश नहीं करने की बात कर रहा है। हर आने वाले प्रत्याशी द्वारा वोट की अपील के बाद बस जनता चुप्पी साध लेती हैं या फिर उन्हें ही अपना मत देने का वादा कर उनसे पल्ला झाड़ रही है। फिलहाल मतदाताओं की चुप्पी इन प्रत्याशियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।