चेतना विकास मूल्य शिक्षा कार्यक्रम के तहत बच्चों में लाई गई संवेदनाओं के प्रति जागरूकता
विश्वविद्यालय में खेल का माहौल बना है और हमारी राष्ट्रीय पहचान बन रही है। उक्त बातें प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही। वे अनूप लाल यादव महाविद्यालय में आयोजित पुरुष-महिला कुश्ती प्रतियोगिता के उद्घाटन पश्चात बोल रहे थे। प्रति कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय खेल के प्रति सजग है। खेल से भाईचारा बढ़ता है। बीएनएमयू के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
जागरण संवाददाता, सुपौल: चेतना विकास मूल्य शिक्षा कार्यक्रम अंतर्गत गत दिनों सदर प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय दिघिया टोला, वीणा और मध्य विद्यालय वीणा बभनगामा में छोटे बच्चों में संवेदनाओं के प्रति जागरूकता के लिए सांस की समझ, पेट के साथ सांस पर ध्यान देना, ध्यान देकर सुनना, अभ्यास के साथ चेतना गीत से बच्चों को अभ्यास कराया गया। इस प्रक्रिया में बच्चों ने प्रसन्नतापूर्वक भाग लेते हुए अपने अनुभव को सुनाया। प्रथम कक्षा के गुंजन, सुमित, काशी, सोनी आदि ने भी अपने अनुभव को सही ढंग से रखकर शिक्षक को चकित किया। मध्य विद्यालय वीणा बभनगामा के बच्चों के साथ भी यह प्रक्रिया की गयी। दोनों जगह के सकारात्मक परिणाम में छोटे बच्चे के ध्यान देने की प्रक्रिया ज्यादा सबल दिखा। प्राथमिक विद्यालय दिघिया टोला की प्रधानध्यापिका प्रीति कुमारी और मध्य विद्यालय वीणा बभनगामा के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार झा ने महात्मा गांधी 150 वीं जयंती वर्ष में ऐसे अभ्यास कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे निरंतर करने का अनुरोध किया। ग्राम्यशील और बालयोग मिशन के मानवीय मूल्य शिक्षा प्रबोधक चंद्रशेखर ने कहा कि हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के तहत नर्सरी से 8 वीं कक्षा तक के बच्चों के साथ इसमें विभिन्न गतिविधियां हैं। आज पूरी दुनिया और भारत के कुछ राज्यों में ऐसे अभ्यास करवाये जा रहे हैं। इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों में शैक्षणिक क्षमता का विकास, भावनात्मक सुदृढ़ता, ़खुशी की निरंतरता, क्रोध में कमी, वर्ग कक्ष में मानसिक रूप से बने रहने, सोच समझकर निर्णय लेने की क्षमता का विकास आदि लाभ होता है। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र स्थानीय निजी और सरकारी शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को कार्यरूप देने की योजना बना रहे हैं।