कोसी के अंदर चौपट शिक्षा व्यवस्था, फर्जी नामांकन दिखा राशि की हो रही हेराफेरी
सदर प्रखंड के कर्णपुर गांव स्थित श्री कृष्ण मंदिर(दक्षिण) प्रांगण में कृष्णाष्टमी के मौके पर कथा वाचन व प्रवचन का आयोजन किया गया। कथा वाचन मिथिला क्षेत्र के प्रखर प्रवक्ता गोसपुर निवासी आचार्य धर्मेन्द्रनाथ मिश्र द्वारा किया जा रहा है। आयोजित इस आध्यात्मिक कार्यक्रम के प्रथम दिन यानि रविवार को प्रवचन के दौरान आचार्य धर्मेन्द्रनाथ ने सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि यदि इस संसार में समस्त मानव को ज्ञान की प्राप्ति के साथ-साथ विशिष्ट फलों की प्राप्ति चाहिए तो उस तत्व की प्राप्ति का एक मात्र साधन सत्संग है।
संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के कोसी के गांव के कुछ सरकारी विद्यालय वहां के शिक्षकों के लिए एक तरह से कामधेनु बना दिखाई देता है। ऐसे विद्यालयों में फर्जी नामांकन तथा उपस्थिति दिखा कर प्राय: हर माह मध्याह्न भोजन के राशि तथा चावल का वारा-न्यारा किया जाता रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा विभागीय पदाधिकारियों को सूचना दिए जाने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से अभिभावक निराश हो चुके हैं।
कोसी के गांव के कई अभिभावकों द्वारा इस धांधली को लेकर उठाए गए सवाल को देखते हुए जागरण संवाददाता ने सोमवार को कुछ विद्यालयों का मुआयना किया। दिन के 12:21 बजे प्राथमिक विद्यालय कोढ़ली पलार में 15 बच्चे मात्र उपस्थित मिले। पूछने पर प्रभारी प्रधान महेश पांडे ने बताया कि वहां 65 छात्र-छात्राओं का नामांकन है लेकिन अधिकांश बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं। पूर्वी तटबंध के किनारे अवस्थित उस विद्यालय पोषक क्षेत्र में मात्र 10 से 15 लोगों का घर दिखाई दिया। अगल-बगल के कुछ लोगों ने बताया कि कोढ़ली पलार गांव पूर्वी तटबंध से कम से कम 6 किलोमीटर पश्चिम है जहां जाने और आने के लिए दो नदी पार करना पड़ता है। गांव के लोग कोसी कटाव के बाद अगल-बगल के ऊंचे स्थानों पर जा बसे। लेकिन विभागीय अधिकारियों के असीम कृपा से प्राथमिक विद्यालय कोढ़ली पलार को स्थानांतरित कर पूर्वी तटबंध के किनारे उस जगह पर कर दिया गया जहां उस गांव के बच्चे पहुंच नहीं सकते। पिछले करीब ढाई वर्ष से उस विद्यालय के शिक्षक जैसे-तैसे विद्यालय का संचालन करते रहे हैं। शनिवार के दिन विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 55 दिखाई गई थी। प्राथमिक विद्यालय तकिया में भी उपस्थिति चिताजनक दिखाई दी। उधर तटबंध पर मौजूद प्राथमिक विद्यालय उग्रीपट्टी, प्राथमिक विद्यालय बहुअरवा, प्राथमिक विद्यालय बीरबल पट्टी पोषक क्षेत्र के कुछ अभिभावकों ने बताया कि वहां वर्ष में शिक्षक तथा छात्रों का आपस में भेंट होना मुश्किल बना रहता है। ऐसे अभिभावकों का कहना था कि उक्त विद्यालय के शिक्षक 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन वहां पहुंचते हैं जिसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक अपने-अपने घरों पर रहकर निजी कार्यों में व्यस्त रहा करते हैं। उधर बनैनियां पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय सरदार टोला सिहपुर को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा करीब 15 किलोमीटर दूर मुरली गांव में स्थानांतरित कर दिए जाने से कई अभिभावकों में भारी रोष दिखाई दिया। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोहर कुमार ने बताया कि कोसी के गांव में चल रहे विद्यालयों की जांचोपरान्त कार्रवाई की जाएगी।