काला बिल्ला लगाकर चिकित्सकों ने जताया विरोध
प्रखंड मुख्यालय में कैंप लगाकर किसानों को सिचाई व्यवस्था करने को लेकर सरकार द्वारा कृषक के हित के लिए निश्शुल्क विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन लिए गए। कनीय अभियंता नितेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक बुधवार को प्रखंड मुख्यालय में कैंप लगाकर मुक्त बिजली कनेक्शन सिचाई करने के लिए आवेदन प्राप्त कर खेतों तक बिजली पहुंचाई जाती है। उन्होंने बताया कि 6 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
जागरण संवाददाता, सुपौल: कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों पर हुए हमले के बाबत जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का सुपौल जिले के डॉक्टरों ने भी समर्थन किया है। उक्त घटना को ले शुक्रवार को सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध प्रकट किया। वहीं सदर अस्पताल परिसर में आइएमए, आइडीए एवं भासा की सुपौल शाखा की एक आम बैठक आइएमए के सचिव डा.बीके यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें डॉक्टरों ने कोलकाता में डॉक्टरों के साथ घटी घटना की तीव्र भर्त्सना की। डॉक्टरों ने बैठक में आक्रोश व्यक्त करते हुए यह मांग किया कि दोषी व्यक्तियों को सख्त से सख्त सजा दी जाय ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का शुक्रवार को चौथा दिन है। हड़ताल पर डटे डॉक्टरों के अड़ियल रूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से गुरुवार को दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया। बावजूद इसके डॉक्टर मुख्यमंत्री के निर्देश को नकारते हुए हड़ताल पर अडिग है। 11 जून से हड़ताल पर डटे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक सुरक्षा और उनकी अन्य मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे। सदर अस्पताल में डॉक्टरों की आयोजित बैठक में डा.जितेन्द्र कुमार सिंह, डा.एएसपी सिन्हा, डा.अजय भारती, डा.आलोक कुमार, डा.हरिशंकर, डा.अजय कुमार झा, डा.मिहिर कुमार वर्मा, डा.अरूण वर्मा, डा.संतोष झा, प्रमोद कुमार, पप्पु चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे।
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