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हेलो डाक्टर::::सीने में दर्द की न करें अनदेखी, पड़ सकती है भारी

फोटो फाइल नंबर-14एसयूपी-2 जागरण संवाददाता, सुपौल: छाती मनुष्य के प्रमुख अंगों में एक है। क

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 12:23 AM (IST)
हेलो डाक्टर::::सीने में दर्द की न करें अनदेखी, पड़ सकती है भारी
हेलो डाक्टर::::सीने में दर्द की न करें अनदेखी, पड़ सकती है भारी

फोटो फाइल नंबर-14एसयूपी-2

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जागरण संवाददाता, सुपौल: छाती मनुष्य के प्रमुख अंगों में एक है। कई बार छाती दर्द का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में एक ही बात आती है कि कहीं हार्ट अटैक तो नहीं। लेकिन छाती में दर्द कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण से हो सकता है। कई मामलों में तो इसका कारण दिल के साथ जुड़ा ही नहीं होता। सीने में दर्द फेफड़े, ग्रासनली, मांसपेशियों, पसलियों, या नसों में समस्याओं की वजह से भी हो सकता है। निश्चित रूप से सीने में दर्द की अनदेखी कभी नहीं करनी चाहिए। दिल की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त के प्रवाह में कमी हृदय की मांसपेशी कोशिकाओं को मार देती है। हालांकि एनजाइना के सीने के दर्द के समान होने वाला ये दर्द दिल के दौरे में आमतौर पर अधिक गंभीर हो जाता है। इसमें आराम करने से भी राहत नहीं मिलती। इसमें होने वाले दर्द के साथ पसीना, मतली, या गंभीर कमजोरी हो सकती है। सीने में दर्द के अलावा मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशियों में सूजन, बुखार, थकान और सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है। हालांकि इसमें रक्त वाहिकाओं में कोई रुकावट नहीं होती है, फिर भी मायोकार्डिटिस के लक्षण दिल का दौरा पड़ने के समान लग सकते हैं। पेरिकार्डिटिस दिल के आसपास थैली का सूजन या संक्रमण होता है। इसका दर्द एनजाइना के कारण छाती में होने वाले दर्द के समान ही हो सकता है। हालांकि यह अक्सर ऊपरी गर्दन और कंधे की मांसपेशी में तेज व स्थिर दर्द का कारण बनता है। कभी-कभी सांस लेने, भोजन निगलने या पीठ के बल लेटने पेरिकार्डिटिस के कारण होने वाला चेस्ट पेन असहनीय हो जाता है। हार्ट फेल्योर हृदय की मांसपेशी के और •ा्यादा मोटा हो जाने पर होता है। इसके कारण हृदय का रक्त पंप करना कठिन हो जाता है। सीने में दर्द के साथ-साथ कार्डियोमायोपैथी के इस प्रकार से चक्कर आना, कम•ाोरी, सांस की तकलीफ तथा कुछ अन्य लक्षण होते हैं। मिट्रल वॉल्व प्रोलैप्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल में मौजूद एक वॉल्व ठीक से बंद नहीं हो पाता। इस स्थिति में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे सीने में दर्द, घबराहट, और चक्कर आना आदि। हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि इसके कोई लक्षण दिखाई न दें। खासकर अगर वॉल्व प्रोलैप्स हल्का हो। जब कोरोनरी धमनी में कोई छेद या खरोंच पैदा हो जाती है तो इसे कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन कहते हैं। यह दुर्लभ हालत कई प्रकार के कारकों के कारण पैदा हो सकते हैं। यह अचानक सनसनी के साथ गंभीर दर्द का कारण बन सकता है जो कि गर्दन, पीठ या पेट तक चला जाता है। छाती में दर्द छाती की अंदरूनी दीवारों में सूजन के कारण भी हो सकता है। दरअसल जब फेफ़डे की ऊपरी सतह पर स्थित झिल्ली में सूजन आ जाती है तो छाती की अंदरूनी दीवार की सूजी हुई सतह से सांस लेते वक्त हवा रगड़ खाने लगती है। जिस कारण असहनीय दर्द होता है। इस अवस्था को मेडिकल भाषा में प्ल्यूराइटिस कहते हैं। ज्यादातर प्ल्यूराइटिस का कारण टीबी का इंफेक्शन या निमोनिया होता है। ऐसे में जल्द किसी थोरेसिक सर्जन यानी चेस्ट सर्जन से परामर्श लेना चाहिए। पेट रोग होने की वजह से भी छाती में दर्द हो सकता है। पेट में अल्सर और गैस्टिक इस समस्या के कारण बन सकते हैं। जब पित्त की थैली में गैस बनती है और वह छाती की तरफ जाती है तो छाती में दर्द होता है। यदि छाती में जलन हो और सोने पर दर्द बढ़ जाए तो यह पेट की समस्या के कारण होता है। दिल की धमनियों के दर्द को पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज कहते हैं। हृदय से जुड़ने वाले शरीर के आंतरिक अंग और दिमाग़ को खून पहुंचाने वाली धमनियों में ़खून का संचरण बाधित होने से छाती का दर्द होता है। केवल दिल में ही नहीं शरीर के किसी भी हिस्से में धमनियां अवरुद्ध होने पर हृदयाघात हो सकता है। दिल की रक्त वाहिकाओं में रुकावट होने पर ये हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन कम कर देती है। जिस कारण छाती में दर्द होता है लेकिन दिल को किसी प्रकार की स्थायी क्षति नहीं होती। एनजाइना से हुआ सीने में दर्द हाथ, कंधे या जबड़े तक फैल सकता है। एंजाइना से होने वाला सीने का दर्द व्यायाम, उत्साह या किसी भावनात्मक आघात से शुरू हो सकता है और आराम करने से चला जाता है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जागरण की पहल पर छाती रोग विशेषज्ञ डा.चंदन कुमार द्वारा लोगों के संशय और समस्या का समाधान किया गया।

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सवाल- मुझे खांसी होने पर खून आने जैसा प्रतीत होता है, क्या करें?

(मो.शाहिद, सुपौल)

जवाब- ये टीबी के लक्षण हैं। सरकारी अस्पताल में इसका मुफ्त इलाज होता है। बलगम की जांच व एक्स-रे करावें। तत्पश्चात चिकित्सक से मिलें।

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सवाल- मेरे पिताजी को लम्बे समय से खांसी होती है और दम भी फूलता है, क्या करें?

(राजीव कुमार, सुपौल)

जवाब- अगर आपके पिताजी लम्बे समय से बीड़ी, सिगरेट अथवा गांजा का सेवन करते हैं तो वे दमा की बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में कभी-कभी दमा के साथ टीबी भी हो जाती है। शीघ्र चिकित्सक से मिलें।

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सवाल- मुझे बचपन से खांसी, सर्दी व सांस लेने में दिक्कत की शिकायत है, दम भी फुलता है, क्या करें?

(संजय, सुपौल)

जवाब- ये अस्थामा के लक्षण हैं। चिकित्सक से मिलें।

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सवाल- मुझे छाती के नीचे बायें भाग में बराबर दर्द होता है, क्या करें?

(उमेश प्रसाद, सुपौल)

जवाब- ये गैस के लक्षण हैं। गैस की दवा लें एवं अधिक तली-भुनी व मसालेदार भोजन से परहेज करें। साथ ही ज्यादा पानी पीएं।

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सवाल- मेरी उम्र लगभग 40 वर्ष है और मुझे छाती में भारीपन महसूस होता है और उस समय बायां हाथ भी दर्द करने लगता है, क्या करें?

(शिव कुमार, सुपौल)

जवाब- ये हार्ट अटैक के लक्षण हैं। शीघ्रातिशीघ्र चिकित्सक से मिलें।

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सवाल- मेरे एक मित्र के माथा में चक्कर देता रहता है और माथा व छाती में दर्द भी होता है। बीपी बहुत बढ़ा हुआ है, क्या करें?

(मुकेश कुमार, सुपौल)

जवाब- ऐसी स्थिति में ब्रेन हेमरेज को डर बना रहता है। शीघ्र ही चिकित्सक से मिलें।

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सवाल- मैं बाहर पत्थर तोड़ने का काम करता हूं। यहां आने पर मुझे लगातार बुखार रहती है और खांसी भी होती है, क्या करें?

(महेश प्रसाद, सुपौल)

जवाब- ये सील्को टीबी के लक्षण हैं। इस टीबी में बलगम में किटाणु नहीं आते। चिकित्सक से मिलें और टीबी का इलाज करवाएं।

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सवाल- मैं जब सुबह में दौड़ता हूं तो छाती में दर्द होने लगता है, क्या करें?

(अजय, सुपौल)

जवाब- परेशान होने की बात नहीं है। दौड़ने पर फेफड़ा में फैलाव होता है जिस कारण यह दर्द होता है। अधिक परेशानी होने पर चिकित्सक से मिलें।


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