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अभियान:::::::जिले में मुख्यमंत्री नल जल योजना का हाल बना बेहाल

-वार्षिक लक्ष्य में से 10 प्रतिशत वार्डों में भी निविदा निस्तारण का कार्य नहीं हो पाया है पूर्ण

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 12:56 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 12:56 AM (IST)
अभियान:::::::जिले में मुख्यमंत्री नल जल योजना का हाल बना बेहाल
अभियान:::::::जिले में मुख्यमंत्री नल जल योजना का हाल बना बेहाल

-वार्षिक लक्ष्य में से 10 प्रतिशत वार्डों में भी निविदा निस्तारण का कार्य नहीं हो पाया है पूर्ण

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-फिलहाल पीएचईडी विभाग 138 वार्ड के लिए पुनर्निविदा निकालने की प्रक्रिया में है जुटी

-ऐसे में कैसे मिलेगा 2529 वार्ड वाले सुपौल जिले को घर-घर नल का जल

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-कोट

-वर्ष का लक्ष्य वर्ष में ही पूरा हो, इसके लिए विभाग तत्पर है। लेकिन यहां संवेदकों का अभाव बना है। बार-बार निविदा निकालने के बाद भी संवेदक के नहीं पहुंचने के कारण निविदा निस्तारण का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है। फिलहाल विभाग 138 वार्ड के लिए पुनर्निविदा प्रक्रिया में जुटा है।

किसुनदेव दिसवा

कार्यपालक अभियंता

पीएचईडी, सुपौल

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जागरण संवाददाता, सुपौल: राज्य सरकार की ड्रीम योजना में शामिल हर घर नल का जल योजना जिले में कछुए की चाल चल रहा है। कार्य पूर्ण या प्रगति की बात तो दूर वर्ष भर के लिए दिए गए लक्ष्य के अनुरूप निविदा निस्तारण का कार्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है। स्थिति ऐसी बनी हुई है कि वार्षिक लक्ष्य में से 10 प्रतिशत वार्डों में भी निविदा निस्तारण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। इस योजना में कार्य प्रगति का ग्राफ इस कदर लुढ़का है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में दिए गए लक्ष्य का निविदा का कार्य चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी शत-प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया है। जबकि वर्तमान वित्तिय वर्ष का लक्ष्य वैसे के वैसे पड़ा हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल है कि 2529 वार्ड वाले सुपौल जिले को कब तक घर-घर नल का जल मिल पाएगा।

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वित्तीय वर्ष 2017-18 में 506 वार्ड का मिला था लक्ष्य

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल हर घर नल का जल योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिला को 506 वार्ड का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। लक्ष्य के विरुद्ध पीएचईडी ने 287 वार्ड का प्राक्कलन तैयार कर निविदा प्रकाशित किया। परन्तु निविदा के प्रति संवेदकों के उदासीन रवैये के कारण निविदा निस्तारण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। जिसके कारण विभाग को बार-बार निविदा निकालनी पड़ी और अभी तक में महज 149 वार्ड के लिए निविदा निस्तारण का कार्य पूर्ण हो पाया है। जबकि जिन 287 वार्ड का प्राक्कलन तैयार है उनमें 138 वार्ड में अब भी संवेदकों की खोज है। इसके लिए विभाग पुनर्निविदा की प्रक्रिया में जुटा है।

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वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1012 वार्ड का दिया गया लक्ष्य

इधर विभाग 2017-18 के लक्ष्य को पूरा करने में ही हांफ रहा था कि सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 1012 वार्ड में नल जल योजना को पूर्ण करने का जिम्मा सौंप दिया है। जबकि चालू वर्ष का लगभग आधा समय बीतने को है परन्तु गत वर्ष के लक्ष्य में ही विभाग उलझा हुआ है।

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दो पंचायत में चालू है कार्य

योजना को लागू हुए करीब डेढ़ वर्ष बीतने को है, परन्तु जिले के महज दो पंचायतों में ही कार्य प्रारंभ हो पाया है। पीएचईडी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार पिपरा प्रखंड के पथरा दक्षिण व सरायगढ़-भपटियाही के मुरली पंचायत में कार्य प्रारंभ प्रगति पर है।

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क्या है यह योजना

हर घर को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो इसके लिए सरकार ने यह योजना वित्तीय वर्ष 2017-18 में लागू की। जिसमें लगभग 40 से 45 लाख प्रति वार्ड लागत आती है। बिजली से संचालित इस परियोजना में 5 वर्ष तक रखरखाव का जिम्मा संवेदक के अधीन ही होता है।


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