अभियान जलदान::::जलश्रोतों के प्रति उदासीनता, पर्यावरण के लिए खतरे का संकेत
फोटो फाइल नंबर-22एसयूपी-6 संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): एक ओर जहां कोसी के इस इलाके में भी लगातार ज
फोटो फाइल नंबर-22एसयूपी-6
संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): एक ओर जहां कोसी के इस इलाके में भी लगातार जलस्तर में गिरावट आ रही है वहीं परंपरागत जलश्रोतों के प्रति लोगों की उदासीनता बढ़ती जा रही है। ये सामाजिक धरोहर आज उपेक्षित हो रहे हैं। लोग सजग नहीं हुए तो ये उदासीनता आनेवाले दिनों में मानव जीवन के लिए खतरा बन जाएगा। हालांकि सरकार की ओर से जल संरक्षण की दिशा में कई योजनाओं की शुरुआत की गई है।
पहले के समय में जब ¨सचाई के आधुनिक साधन उपलब्ध नहीं थे तब लोग पोखर से ही अधिकांश कार्य करते थे। इन पोखरों से लोगों की जरूरतें पूरी होती थी और ये जलश्रोत आस्था से जुड़े होते थे। लेकिन धीरे-धीरे लोगों की आस्था पोखर से हटती गई और आज के समय में पोखर गड्ढे के रूप में तब्दील हो गया। हालत यह है कि कहीं पोखर जलकुंभी के नीचे दबा है तो कहीं उसे लोग काट-काट कर खेत बनाते जा रहे हैं। यही कारण है कि आज जगह-जगह लोगों को ¨सचाई की भी समस्या खड़ी होने लगी है।
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आज भी तालाब का अस्तित्व है बरकरार
इस प्रखंड क्षेत्र में पोखरों की संख्या काफी अधिक है। लेकिन उपयोग लायक कम ही पोखर बचे हैं। गांव में जहां तालाब सार्वजनिक स्नानागार के रूप में प्रश्योग होता था। पवित्रता के लिए जाना जाता था, लोग पोखरों की पूजा करते थे वहीं पोखर आज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है।
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सामाजिक जागरूकता की जरूरत
जलश्रोतों की रक्षा के लिए आज जागरूकता की जरूरत है। इसके लिए लोगों को आगे बढ़ कर काम करना होगा। लोगों को पोखरों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। इन सामाजिक धरोहरों की रक्षा के लिए संगठित होकर इसे सहेजना होगा तथा इसके महत्व को आमलोगों को बताना होगा।
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जागरण की मुहिम की हो रही सराहना
गांव कस्बों के पोखरों के हालात पर दैनिक जागरण की पहल और इसके जिम्मेदार के प्रति लोगों को जगाने के कदम का क्षेत्र में सराहना होने लगी है। जदयू प्रखंड अध्यक्ष सुरेश प्रसाद ¨सह, राजेंद्र प्रसाद, रामायण, लक्ष्मी प्रसाद मंडल, लक्ष्मी मंडल, प्रो. सूर्यनारायण मेहता, नारायण रजक, अरुण कुमार महतो, फूदन प्रसाद साह, परमानंद प्रसाद, प्रमोद कुमार ¨सह, ¨रकू भगत, विश्वकर्मा भगत, सुशील कुमार मोदी सहित कई लोगों का कहना है कि वह सभी पोखरों के उद्धार के लिए आगे बढ़ कर काम करेंगे। इन लोगों द्वारा संकल्प लेकर पोखरों के जीर्णोद्धार की बातें कही गई। समर्पण व्यक्त करते हुए लोगों ने कहा कि जागरण द्वारा जो पोखरों को फिर से उसके पुराने अस्तित्व में लाने का प्रयास किया गया है वह सभी इसके साथ हैं। लोगों का कहना है कि वह सभी अपने अलावा क्षेत्र के लोगों को भी इसके लिए जागृत करेंगे तथा पोखरों को साफ सफाई कर उसे उपयोग लायक बनाएंगे।