वर्षा की आस में किसान, धीमी पड़ी बिचड़ा बोआई की रफ्तार
प्रखंड मुख्यालय में कैंप लगाकर किसानों को सिचाई व्यवस्था करने को लेकर सरकार द्वारा कृषक के हित के लिए निश्शुल्क विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन लिए गए। कनीय अभियंता नितेश कुमार शर्मा ने बताया कि प्रत्येक बुधवार को प्रखंड मुख्यालय में कैंप लगाकर मुक्त बिजली कनेक्शन सिचाई करने के लिए आवेदन प्राप्त कर खेतों तक बिजली पहुंचाई जाती है। उन्होंने बताया कि 6 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
-खरीफ के इस मौसम में 86 हजार हेक्टेयर खेतों में धान की खेती का लक्ष्य किया गया अख्तियार
-जिले में सूखी पड़ी है हर छोटी-बड़ी नहरें, पंपसेट से करनी पड़ती सिचाई
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फोटो फाइल नंबर-14एसयूपी-6
जागरण संवाददाता, सुपौल: अनुकूल मौसम नहीं होने के कारण किसानों द्वारा खेतों में बिचड़ा गिराने का काम काफी धीमा पड़ा हुआ है। जबकि रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो चुका है और किसान इस आस में है कि वर्षा हो जाए तो फिर बिचड़ा गिराने का काम किया जा सकता है। दरअसल जिले में कम बारिश होने के कारण खेतों से नमी गायब है। इधर जिले से गुजरने वाली हर छोटी बड़ी नहरें भी सूखी पड़ी है। जिससे किसान खेतों में बिचड़ा गिराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक वर्षा नहीं हो जाता बिचड़ा को बचा पाना आसान नहीं होगा। आखिर पंपसेट से कितनी बार पटवन किया जा सकता है। विभाग भी यह मान रही है कि जून के दूसरे सप्ताह तक में कम से कम 70 फीसद बिचड़ा की बुवाई हो जानी चाहिए थी। इसके बदले जिले में महज अभी तक में इस हिसाब बुआई संभव नहीं हो पाई है। जाहिर सी बात है कि बिचड़ा तैयार करने में देरी होने का सीधा असर धान की रोपाई पर पड़ेगा। जिससे उत्पादन में कमी आने की संभावना होगी। जबकि सरकार द्वारा खरीफ के इस मौसम में 86 हजार हेक्टेयर खेतों में धान की खेती का लक्ष्य अख्तियार किया गया है।
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25 जून तक नहरों में पानी छोड़ने का दिया गया है आश्वासन
गत दिनों जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित जिला कृषि टास्क फोर्स की हुई बैठक में सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता ने 25 जून तक सभी नहरों में पानी छोड़े जाने की बात बताई थी। जिस पर जिलाधिकारी ने सिचाई विभाग के सभी अभियंता व कनीय अभियंताओं को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि नहर का पानी अंतिम छोर तक पहुंचने के साथ-साथ हर माइनरों में पानी पहुंचे। यह सुनिश्चित किया जाए कि नहर का पानी खेतों तक पहुंचे इसमें किसी तरह की कोताही बरतने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। सभी केनालों में पानी पहुंचे इसके लिए कृषि कर्मियों को भी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया।
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33 स्टेट ट्यूबवेल किया गया है हस्तांतरित
जिले में सिचाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए लघु सिचाई विभाग द्वारा 33 स्टेट ट्यूबवेल को पंचायत के समितियों को हस्तांतरित किया गया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही अन्य ट्यूबवेल को भी समितियों को हस्तांतरित किया जाएगा।
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विद्युत कनेक्शन हेतु प्रत्येक बुधवार को लगेगा कैंप
कृषि कार्यों के लिए विद्युत कनेक्शन हेतु प्रत्येक बुधवार को प्रखंड कार्यालय परिसर में कैंप लगाने को कहा गया है। आवेदन देकर कृषि कार्य के लिए विद्युत कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि अधिक से अधिक किसान कृषि कार्यों के लिए विद्युत कनेक्शन ले, इसके लिए सभी किसान सलाहकार को अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों तक जानकारी पहुंचाने को कहा गया है। फिलहाल जिले में कम बारिश होने तथा नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने के कारण बिचड़ा गिराने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।
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