दिव्यांगता नहीं रहा अभिशाप,बस सहानुभूति की है दरकार:सांसद
फोटो फाइल नंबर-19एसयूपी-8,9 जागरण संवाददाता, सुपौल: दिव्यांगता दिव्यांग के लिए अभिशाप नहीं
फोटो फाइल नंबर-19एसयूपी-8,9
जागरण संवाददाता, सुपौल: दिव्यांगता दिव्यांग के लिए अभिशाप नहीं रह गया है। वह व्यक्ति भी सब कुछ कर सकता जो सभी अंगों से दुरूस्त व्यक्ति कर सकता है। बस जरूरत है कि हम सब को इनके प्रति सहानुभूति जताने की। क्योंकि किसी व्यक्ति के दिव्यांगता होने में खुद उनकी कोई गलती नहीं होती। ये सब कुछ ईश्वर की इच्छा पर निर्भर करता है। इसलिए दिव्यांग व्यक्तियों की सेवा करना सीधे तौर पर ईश्वर से जुड़ना है। उक्त बातें सुपौल सांसद रंजीत रंजन ने बुधवार को स्थानीय डिग्री कॉलेज परिसर में आयोजित एक शिविर में कही। सांसद जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के तहत सामाजिक अधिकारिता शिविर एवं निश्शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह को संबोधित कर रही थी। सांसद ने कहा कि दिव्यांगजनों की सहायता करना सामाजिक सरोकार का एक हिस्सा है। इसी कड़ी में किसी भी सरकार की यह जिम्मेवारी बनती है कि वह ऐसे व्यक्तियों की सहायता करें। हमारा यह प्रयास होगा कि हर वर्ष इस तरह के शिविर का आयोजन हो, ताकि समाज के हर दिव्यांग को सहायता पहुंचा कर उनके हंसी को वापस लाया जा सके। कहा कि आज इंसान को इंसान समझने की जरूरत है। यदि किसी के पास एक अंग नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह बेकार है। वह व्यक्ति वह सब कुछ कर सकता जो एक पूर्ण अंग वाला व्यक्ति नहीं कर सकता। बस जरूरत है ऐसे व्यक्तियों के इच्छा शक्ति को मजबूत करने की तथा घर वालों के सहयोग की। आज तो दिव्यांग व्यक्ति भी देश के लिए गोल्ड मेडल जीत रहे हैं। कहा कि हमने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिव्यांग व्यक्ति को सम्मानजनक पेंशन के साथ-साथ योग्यता के मुताबिक सरकारी नौकरी व अन्य सुविधा प्रदान की जाए। सांसद ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए करीब 16 लाख 67 हजार की लागत से 373 सहायक यंत्र एवं उपकरणों की खरीद की गई है। जिसमें वर्तमान समय में 199 लोग चिन्हित है। जिसमें 114 ट्राइसाइकिल, 26 फो¨ल्डग व्हील चेयर, 03 सीपी चेयर, 98 बैशाखी, 44 वा¨कग स्टीक, 01 ब्रेन, 01 ब्रेल कीट, 04 स्मार्ट केन, 03 रोलेटर, 28 बीटीई, 04 एमएस आईडी कीट, 01 एडीएल कीट, 01 सेल फोन तथा 45 कृत्रिम अंग शामिल है। समारोह को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि वर्तमान समय में जिले में करीब 199 दिव्यांग व्यक्तियों को चिन्हित किया गया हे। जिन्हें शिविर तक पहुंचने के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई थी। जो लाभुक शिविर में नहीं पहुंचे हैं उनका सामान प्रखंड में भेज दिया जाएगा। बचे लाभुक प्रखंड से ही अपना सहायक यंत्र प्राप्त कर सकते हैं। शिविर का संचालन कर रहे जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने कहा कि दिव्यांग को दिव्यांग कहने वाला खुद मानसिक रूप से दिव्यांग होता है। आज ऐसे व्यक्ति देश ही नहीं विश्व स्तर पर लोहा लोगों को मनवा रहे हैं। शिविर में जिला कल्याण पदाधिकारी, आत्मा निदेशक राजन बालन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो. विमल कुमार यादव, सूर्य नारायण यादव, डॉ. रमेश प्रसाद यादव, समेत दिव्यांग व उनके परिजन मौजूद थे।