योग के लिए शुद्ध पर्यावरण और स्वच्छता अनिवार्य
जागरण संवाददाता, सुपौल: बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और भावनात्मक विकास के लिये योग
जागरण संवाददाता, सुपौल: बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और भावनात्मक विकास के लिये योगाभ्यास के साथ शुद्ध पर्यावरण और स्वच्छता जरूरी है। इसके बिना योग से मिलने वाले समुचित फायदे तो नहीं ही मिलेंगे, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण और गंदगी के दुष्प्रभाव से हमें क्षति होगी। इसलिए योग के साथ शुद्ध पर्यावरण और स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है। इस संदर्भ को लेकर गत दिनों सुपौल प्रखंड के मेघनाथ झा कन्या मध्य विद्यालय, वीणा बभनगामा और प्राथमिक विद्यालय, वीणा बभनगामा के बच्चों को यह जानकारी ग्राम्यशील के सचिव सह बाल योग मिशन के सेवाव्रती चंद्रशेखर द्वारा दी गई। बच्चों को जहां बालोपयोगी योगाभ्यास के साथ परंपरागत आरोग्य के नुस्खे बताये गए वहीं गाँव और आस-पड़ोस के पर्यावरणीय समस्या व उसके संरक्षण के साथ अनियोजित गंदगी व मलत्याग से होने वाले दुष्प्रभाव से बच्चों को अवगत कराते हुए इसकी रोकथाम के साथ स्वच्छता के महत्व से बच्चों को अवगत कराया गया। कन्या मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक बांके बिहारी मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में मिट्टी, पानी, हवा के बढ़ते प्रदूषण को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियान के द्वारा रोका जा सकता है। उसी विद्यालय के शिक्षक शिवनारायण सुमन, दुलारी कुमारी, किरण कुमारी झा ने भी बच्चों को संबोधित किया, वहीं प्राथमिक विद्यालय वीणा बभनगामा के शिक्षक पवन कुमार मंडल ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।