इस अस्पताल में नहीं स्वच्छता के कोई मायने
-छातापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में कई दिनों तक जमा रहता कचरा -धूप होने पर कच
-छातापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में कई दिनों तक जमा रहता कचरा
-धूप होने पर कचरा से उठने वाली दुर्गंध से मरीजों को बनी रहती परेशानी
-खुद डीसीएलआर ने निरीक्षण के क्रम में इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन को लगाई थी फटकार
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फोटो फाइल नंबर-15एसयूपी-16
संवाद सूत्र, छातापुर(सुपौल): प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अस्पताल में बीमार लोगों का इलाज होता है। वहां साफ-सफाई और स्वच्छ वातावरण लोगों को मिलता है जिससे कि बीमार दवाओं और स्वच्छ वातावरण में जल्दी स्वस्थ हो पर इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इससे ठीक उल्टा देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि मरीजों के भर्ती वार्ड के पास ही कचरे और गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके चलते वार्ड में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को पास में पड़े कचरे और गंदगी से आने वाली बदबू के कारण वार्ड में बैठना दूभर हो रहा है। अस्पताल से निकलने वाला कचरा और गंदगी वार्ड के पास हफ्तों तक पड़ी रहती है। इस कारण मरीजों और उनके परिजनों को अन्य संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बना रहता है। वहीं अस्पताल से निकलने वाले कचरे और गंदगी को फेंकने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वयं ही व्यवस्था करनी होती है। यह भी ध्यान रखा जाता है कि अस्पताल के संक्रमित कचरे और गंदगी को अस्पताल परिसर में ही गड्ढा खोदकर उसमें डाला जाता है और उसे नष्ट किया जाता है। जब तेज धूप पड़ती है और यह कचरा सूख जाता है, वार्ड के पास लगे कचरे और गंदगी के ढेर से तेज हवा में कचरा वार्ड में भी पहुंच जाता है जो कि मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने अस्पताल प्रबंधन से अस्पताल परिसर में फैले कचरे को वार्ड के पास से हटाने और नष्ट करने की मांग की है। जिससे कि अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को परिसर में पड़े इस कचरे से निकलने वाली बदबू से निजात मिल सके।
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नहीं हो रही नियमित साफ-सफाई
अस्पताल परिसर से निकलने वाले कचरे और गंदगी को फेंकने के लिए अस्पताल परिसर में ही एक जगह निर्धारित की गई है। जहां बाकायदा गड्ढा खोदा गया है और नियमानुसार उसमें अस्पताल से निकलने वाले कचरे और गंदगी को एकत्रित कर डाला जाना चाहिए पर अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते निर्धारित स्थान पर कचरा नहीं फेंका जा रहा। इसके साथ ही नियमित साफ सफाई न होने के कारण अस्पताल परिसर में गंदगी और कचरे के ढेर लगे हुए हैं जो कि मरीजों और उनके परिजनों के लिए खासा नुकसानदायक साबित हो रहा है। मरीजों और परिजनों को संक्रामक बीमारियों का भी डर बना हुआ है। मालूम हो कि बीते बुधवार को डीसीएलआर त्रिवेणीगंज व बीडीओ के औचक निरीक्षण में सफाई की व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश भी दिए तथा जिलाधिकारी सुपौल को इसकी सूचना देने की बात कही थी। इस संदर्भ में पदाधिकारी द्वय ने बताया कि अस्पताल में स्वच्छता बनी रहनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं तो प्रबंधन से इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा। नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।