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सत्संग से सत्यज्ञान और सदगुरू की होती है प्राप्ति

फोटो फाइल नंबर-14एसयूपी-4 संवाद सूत्र, लौकहा बाजार(सुपौल): सदर प्रखंड अंतर्गत अमहा पंचायत वा

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 12:20 AM (IST)
सत्संग से सत्यज्ञान और सदगुरू की होती है प्राप्ति
सत्संग से सत्यज्ञान और सदगुरू की होती है प्राप्ति

फोटो फाइल नंबर-14एसयूपी-4

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संवाद सूत्र, लौकहा बाजार(सुपौल): सदर प्रखंड अंतर्गत अमहा पंचायत वार्ड नंबर एक उत्तर टोला में पांच दिवसीय संतमत सत्संग का आयोजन किया गया। प्रवचन के दौरान बाबा किशोरानंद जी महाराज ने कहा कि सत्संग में दो शब्द होते हैं सत्य और संग। सत्य वह है जिसका विनाश नहीं होता है और संग या उससे साक्षात्कार किया जाय। चोर भी सत्संग में जाकर अपने अतीत को छोड़कर सत्यमार्ग पर चलकर अपने जीवन को धन्य बना लेता है। सत्संग से पांच प्रकार के फल मिलते हैं। सत्संग से चरित्र का सुधार होता है, सत्संग से सत्यज्ञान की प्राप्ति होती है। सत्संग में आने से सच्चे सदगुरु की प्राप्ति होती है। परमात्मा से प्रेम होता है और ईश्वर की प्राप्ति का आधार मिलता है और ईश्वर भक्ति के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया। सत्संग, ध्यान और गुरु इन तीन बातों से ही सद्गुरु की प्राप्ति संभव है और मानव जीवन का कल्याण होता है। मौके पर नागेश्वर यादव, बमशंकर यादव, नरेश कुमार, देवाशीष कुमार, क्रांति कुमार, सीमा कुमारी, मुस्कान, सरगम, शिक्षा आदि सत्संग प्रेमी मौजूद थे।


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