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आज होगी मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा

वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को देवी जगदंबा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की गई। इस मौके पर अल सुबह श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही पूजन सामग्री के साथ मां की आराधना की। इस दौरान या देवी सर्वभुतेषू.. के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 10:41 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 10:41 PM (IST)
आज होगी मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा
आज होगी मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा

सिवान । वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को देवी जगदंबा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की गई। इस मौके पर अल सुबह श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही पूजन सामग्री के साथ मां की आराधना की। इस दौरान या देवी सर्वभुतेषू.. के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। अष्टमी की तिथि के दिन महागौरी मां दुर्गा की पूजा से भक्तों के सभी तरह के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया जाता है।

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नवरात्रि में कन्या पूजा का है विशेष महत्व :

आचार्य ने बताया कि चैत्र नवरात्र में पड़ने वाली नवमी तिथि भक्तों के लिए बेहद खास होती है। इस दिन नवरात्रि समापन के साथ ही भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसलिए चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि को महानवमी और रामनवमी कहा जाता है। नवरात्रि में कन्या पूजा का विशेष महत्व होता है। इस बार पूजा में कई विशेष संयोग बन रहे हैं। अष्टमी तिथि का प्रारंभ मंगलवार को मध्यरात्रि 12 बजकर 01 मिनट से हो रहा है। वहीं समाप्ति बुधवार को मध्यरात्रि 12 बजकर 43 मिनट को होगा। वहीं नवमी तिथि बुधवार को मध्यरात्रि 12.43 मिनट से होगा।

ऐसे होगी मां की पूजा :

महा अष्टमी के दिन प्रात: उठ कर स्नान करने के बाद माता की प्रतिमा को अच्छे वस्त्रों से सुसज्जित करें और देवी भगवती की पूरे विधि और विधान से पूजा करनी चाहिए। मां के पूजन के लिए लाल फूलों का उपयोग करना चाहिए। पूजा के बाद मां को खीर, हलुआ और मिठाइयों का भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्त्व है। कन्या पूजा में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 से 12 वर्ष तक हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन घर में हवन करवाना बड़ा हीं शुभ होता है।

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए करें घरों में ही मां की पूजा :

बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है। सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा लोगों से घर पर ही रहकर अष्टमी व नवरात्र का पूजन करने की अपील की जा रही है। ताकि कोरोना के संक्रमण के चेन को तोड़ा जा सके। वहीं रामनवमी पर निकलने वाले जुलूस व शोभायात्रा को प्रतिबंधित किया गया है।


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