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मजबूत राष्ट्र के निर्माण में 'आधी आबादी' की होगी भागीदारी

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जागरण की मुहिम हर वोट कुछ कहता है के तहत शहर के भारतीय रेडक्रास सोसाइटी में आयोजित परिचर्चा में आधी आबादी ने संकल्प लिया कि हम अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और क्षेत्र के महिलाओं को जागरूक कर मतदान के लिए प्रेरित करेंगे। परिचर्चा के दौरान कई तरह के मुद्दे उभर कर सामने आये। आधी आबादी के सामने जब शराबबंदी की बात आई तो वो इसको सबसे अच्छा कदम बताया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 12:34 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 06:35 AM (IST)
मजबूत राष्ट्र के निर्माण में 'आधी आबादी' की होगी भागीदारी
मजबूत राष्ट्र के निर्माण में 'आधी आबादी' की होगी भागीदारी

जासं, सिवान : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दैनिक जागरण की मुहिम हर वोट कुछ कहता है के तहत शहर के भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी में आयोजित परिचर्चा में आधी आबादी ने संकल्प लिया कि हम अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और क्षेत्र के महिलाओं को जागरूक कर मतदान के लिए प्रेरित करेंगे। परिचर्चा के दौरान कई तरह के मुद्दे उभर कर सामने आए। आधी आबादी के सामने जब शराबबंदी की बात आई तो वो इसको सबसे अच्छा कदम बताया। और कहा कि इसे पूरे देश में हीं लागू कर देनी चाहिए। परिचर्चा के दौरान महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए शिक्षा के विस्तार को आवश्यकता बताया। चर्चा में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर चिता जाहिर की तथा परिवार वाद व पित्र सत्तात्मकता को बढ़ाने वाले भेदभावपूर्ण समाज व्यवस्था पर अपनी भड़ास निकाली। लोकसभा चुनाव के लिए बाहुबलियों की पत्नियों को प्रत्याशी बनाए जाने पर महिलाओं ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि किसको प्रत्याशी बनाया गया है। हमारा मानना है कि जो भी जीते वो समाज व देश के हित के लिए सदैव कार्य करे। परिचर्चा के दौरान शहर की विभिन्न समस्याएं जैसे जल की निकासी की समस्या, सफाई की समस्या, कानून व्यवस्था व शहर में जाम समेत विभिन्न पहलुओं पर बदलाव करने की बातें कहीं गई।

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खुलकर रखे अपेन विचार

जजनमानस को जात-पात से ऊपर उठकर अपने वोट का इस्तेमाल करना चाहिए। सबसे जरूरी है कि देश व समाज के विकास के लिए सभी अपने मत का प्रयोग करें। हमारे बीच कई ऐसे मुद्दे है, जिनका पूर्णरूपेण निराकरण तो नहीं किया जा सकता है। लेकिन स्पष्ट सोंच के साथ इसमें बदलाव की जरूरत है।

सीमा तिवारी

पूरे सिस्टम में हीं बदलाव की सख्त जरूरत है। शिक्षा एक ऐसा कारगर हथियार है, जो सामाजिक विकास की गति को तेज करता है। समानता, स्वतंत्रता के साथ-साथ शिक्षित व्यक्ति अपने कानूनी अधिकारों का बेहतर उपयोग भी करता है और राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त भी होता है। महिलाओं को ऐतिहासिक रूप से शिक्षा से वंचित रखने का षडयंत्र भी इसलिए किया गया कि न वह शिक्षित होंगी और न ही वह अपने अधिकारों की मांग करेंगी, यानी, उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बनाये रखने में सहूलियत होगी। इसी वजह से महिलाओं में शिक्षा का प्रतिशत बहुत ही कम है।

आरती आलोक वर्मा

परिवारवाद व पित्रसत्तात्मकता सोंच हीं महिलाओं को सुरक्षा के नाम पर घरों में कैद करने पर अमादा है। जहां तक बाहुबलियों के पत्नियों को टिकट मिलने की बात है तो हमें यह मानकर चलना है कि इसमें महिलाओं को आगे किया गया है, लेकिन काम उनके पति हीं करेंगे। वे जैसा चाहेंगे, वैसा ही करेंगे।

नीलम पांडेय

जिले में बंद पड़े कल कारखानों को यदि चालू करा दिया जाए तो बेरोजगारी की समस्या हद तक दूर हो जाएगी। साथ ही साथ लोगों को पलायनवाद की समस्या से निजात मिल सकेगी।

प्रीति सर्राफ

शहर में करोड़ो रूपये खर्च कर पार्क तो बना दिया गया लेकिन इसका सौंदर्यीकरण नहीं होने से सब बेकार हो गया है। जाम की समस्या, पानी की निकासी की समस्या व अन्य सारी समस्याएं जिले में भरी पड़ी है। हम चाहते है कि हमारा जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो हमें इन समस्याओं से निजात दिला सके।

सुनीता जायसवाल

हर 6 सेकंड में देश में एक रेप की घटना होती है। महिलाओं के प्रति हो रही हिसा और भी कई रूपों में हो रही है। आंकड़ो में अगर इन सभी घटनाओं को शामिल किया जाए, तो हम देश से पलायन की योजना कर लेंगें। इस तरह की घटनाये सिर्फ हमारे देश में नहीं हो रही। यह मानते हुए सरकार,प्रशासन और समाज की जवाबदेही होनी चाहियें। अगर इन सभी घटनाओं पर अंकुश लग जाए तो हमारा समाज काफी तेजी से उन्नति की ओर अग्रसरित होगा।

रिटायर्ड बीडीओ तप्ती वर्मा

समाज को सबसे जरूरी शिक्षा की है। शराबबंदी से महिलाओं को तो कुछ राहत मिली है, लेकिन पूर्णरूप से इसपर लगाम लगाने की जरूरत है। समाज के हर तबके के लोग इससे प्रभावित हो रहे है। केवल कुछ प्रदेशों में हीं नहीं बल्कि पूरे देश में इसपर रोक लगनी चाहिए।

डा. मधुबाला मिश्रा

लंबित महिला आरक्षण बिल पास हो जाए। जो भी प्रधानमंत्री बने वो ज्यादा से ज्यादा काम पर ध्यान दें न कि केवल बयानबाजी करे।

अर्पणा द्विवेदी

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसकी सरकार बन रहीं है, जरूरत है कि जो भी सत्ता में आए वो महिलाओं, समाज व देशहित में काम करे। पढ़ी लिखी महिलाएं आगे आए हमारी यहीं सोच है। जिले में किडनैपिग, हत्या, चोरी, लड़कियों पर तेजाब हमला जैसी घटनाओं पर अंकुश लगनी चाहिए।

प्रिया भारद्ववाज


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