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पहला मरीज : पहले मरीज को देख घबराया, फिर धैर्य रख किया इलाज

राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पटना से बीएएमएस की डिग्री हासिल की ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 04:52 PM (IST)
पहला मरीज : पहले मरीज को देख घबराया, फिर धैर्य रख किया इलाज
पहला मरीज : पहले मरीज को देख घबराया, फिर धैर्य रख किया इलाज

राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पटना से बीएएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद 10 दिसंबर 1982 को हसनपुरा में अपना क्लीनिक खोला। उस दिन पहला मरीज पेट दर्द से परेशान एक 20 वर्षीय युवक इलाज को पहुंचा। वह काफी दिनों से परेशान था और कई चिकित्सकों से परामर्श ले चुका था, लेकिन उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई थी। उसे देख पहले तो मैं घबराया, लेकिन धैर्य से उसका इलाज करना शुरू किया। मैंने उसकी बातों को सुना और दवाएं दी। दवा खाने के 10 मिनट बाद उसे राहत महसूस हुआ। मैंने कुछ देर आराम करने को कहा। आधा घंटे बाद उसका पेट दर्द दूर हो गया। इस पर रोगी ने मेरे प्रति धन्यवाद दिया। जब वह ठीक होकर अपने घर लौटा तो मुझे काफी सुकून मिला। उसके ठीक होने से मेरा भी उत्साह बढ़ा। डॉ. दिनेश प्रसाद

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बीएएमएस, प्रसाद मेडिकल हसनपुरा (सिवान)


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