पहली कक्षा : पहले दिन बच्चे ने सवालों की लगाई झड़ी
10 मई 2005 को हसनपुरा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मघ्य विद्यालय करमासी में योगदान किया।
10 मई 2005 को हसनपुरा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मघ्य विद्यालय करमासी में योगदान किया। योगदान के पश्चात पहले दिन 5 वीं कक्षा में सामाजिक विज्ञान पढ़ाने का मौका मिला। मेरा विद्यालय में पहला दिन होने के कारण छात्र-छात्राओं ने कई सवाल पूछे। बच्चे सवालों के माध्यम से मेरी प्रतिभा एवं टैलेंट की परख कर रहे थे। बच्चों के उत्साह को देख थोड़ा मैं घबरा गया था। फिर मैंने भी शांतिपूर्ण तरीके से बच्चों के एक-एक सवालों का कई तरह से जवाब दिया। मेरे पढ़ाने की शैली से बच्चे काफी प्रभावित हुए। इस दौरान मैंने बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ अन्य ज्ञान हासिल करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों का उत्साह देख मैं भी उत्साहित हुआ। मेरे पढ़ाए गए बच्चे शिक्षक, एयर र्फोस, नेवी, डॉक्टर, इंजीनियर आदि की तैयारी कर रहे हैं और कई अच्छे जॉब भी कर लिए। वे बच्चे आज भी मिलते हैं तो मेरा आदर करते हैं।इससे मुझे काफी खुशी मिलती है।
हीरालाल राम, शिक्षक
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय करमासी, हसनपुरा (सिवान)