नहीं हो सके दामाद के अंतिम दर्शन
सिवान। नक्सली हमले में मृत शहीद रवि के अंतिम दर्शन को उसे श्वसूर बेचैन रहे। उनकी सूनी आंखे
सिवान। नक्सली हमले में मृत शहीद रवि के अंतिम दर्शन को उसे श्वसूर बेचैन रहे। उनकी सूनी आंखे एक बार दामाद का अंतिम दर्शन कर लेने आतुर थी। लेकिन बिडंम्बना ऐसी थी कि चाह कर भी रवि के श्वसूर कुछ नहीं कर सकते थे। रवि के श्वसुर को पुलिस ने हत्या के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया।
मालूम हो कि औरंगाबाद-गया की सीमा पर हुए नक्सली हमले में शहीद रवि का ससुराल असांव थाना क्षेत्र के शिउरी गांव निवासी धनंजय सिंह के यहां था। मंगलवार को जैसे ही रवि के शहीद होने की सूचना ससुराल पहुंची सभी परिजन बैचेन हो गए। इधर पतार चट्टी स्थित सीमेंट-बालू कारोबारी प्रेम चंद्र सिंह के हत्या के मामले में आरोपित रवि के श्वसूर जो फरार चल रहे थे वे बैचेन हो उठे। कई दिनों चल रहा पुलिसिया भय उनके मन के अंदर से न जाने कहां चला गया। दामाद के शहीद होने की सूचना के बाद मंगलवार को आंदर बाजार में पहुंच गए। जहां गिरफ्तारी की फिराक में पहले से लगी आंदर थाने की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आंदर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर रघुनाथपुर पुलिस को सौंप दिया। जिस वक्त दरौली के मलपुरवा घाट पर शहीद रवि को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था। ठीक उसी समय रघुनाथपुर पुलिस धनंजय सिंह को सिवान न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी कर रही थी। इधर रघुनाथपुर पुलिस थाने में बंद धनंजय सिंह की आंखों के आंसू तो रोते-रोते सूख चुके थे। वह सूनी आंखों से हर किसी को निहारे जा रहे थे। उनके मन एक बार इन सूनी आंखों से दामाद का अंतिम दर्शन की इच्छा पनप रही थी परंतु वे मजबूर थे। चाह कर भी वो नहीं जा सकते थे। वे मन ही मन अपने पापों का प्राश्यचित करते हुए दिखे जिसकी सजा आज उन्हें मिल रही थी।