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नहीं हुआ अभियंताओं का निलंबन, मामले की हो रही जांच

जिला परिषद के मुख्य अभियंता समेत तीन सहायक अभियंताओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाइ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 05:28 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 05:28 PM (IST)
नहीं हुआ अभियंताओं का निलंबन, मामले की हो रही जांच
नहीं हुआ अभियंताओं का निलंबन, मामले की हो रही जांच

सिवान: जिला परिषद के मुख्य अभियंता समेत तीन सहायक अभियंताओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई सिर्फ चर्चा में रही है। हालांकि इसकी हकीकत पता की गई तो संयुक्त सचिव द्वारा जिन्हें निलंबन की कार्रवाई के लिए आदेशित किया गया है। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायती राज अधिनियम 162 के तहत जिला अभियंता या सहायक अभियंता पर निलंबन की कार्रवाई बोर्ड अपने बैठक में प्रस्ताव लाकर अनुमोदित कराने के बाद कर सकती है, या डीडीसी ही कर सकते हैं। गौरतलब हो कि पंचायती जिला परिषद के सहायक अभियंता समेत तीन कनीय अभियंताओं पर मनरेगा में गड़बड़ी मामले में पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ओमप्रकाश यादव ने निलंबन की कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र जारी किया है। जारी आदेश में जिला अभियंता सह सहायक अभियंता प्रभारी धनंजयमणि त्रिपाठी, सहायक अभियंता अरुण कुमार, जमिल अहमद, सुरेश चौधरी पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। मामला करीब सात वर्ष पहले का है। इनलोगों पर लगे आरोप में जिला अभियंता को मामला संज्ञान के आने के बाद अभी तक अपने पद पर कार्यरत की बात कही गई है। इसमें सीडब्यूलूजेसी 8640 दिनांक 28 मई 2008 को हाईकोर्ट ने जिला अभियंता को कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक अपने पद पर कार्यरत रहने का आदेश दे चुका है। इन्हें पद से नहीं हटाने की कार्रवाई पूर्व में नहीं की गई। इसके अलावा मनरेगा के तहत विभिन्न प्रखंडों में योजनाओं के क्रियान्वयन में राशि गबन का आरोप लगाया गया है। इन आरोपों पर राज्य से विभागीय पदाधिकारियों द्वारा मांगें गए स्पष्टीकरण का जवाब भी समय पर अभियंताओं द्वारा दिया जा चुका है।

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कार्रवाई से पूर्व इन अभियंताओं को कोई नोटिस तामिला भी नहीं कराया गया है। इसके कारण वे कार्रवाई से अनभिज्ञ हैं। हालांकि इस मामले में निलंबन या एफआइआर आदि की कार्रवाई उस समय बोर्ड करना चाहता तो बैठक में प्रस्ताव पारित कर अनुमोदन कराकर कर सकता था। लेकिन बोर्ड ने कार्रवाई का प्रस्ताव तो लाया, लेकिन अनुमोदन कराना भूल गया। कहीं न कहीं बोर्ड

भी इस मामले में चूक गया। इसके कारण अभियंताओं को थोड़ी राहत मिल गई। इस संबंध में सहायक अभियंता सुरेश चौधरी से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि कार्रवाई से संबंधित कोई पत्र मुझे नहीं प्राप्त हुआ है। कार्रवाई होने पर देखा जाएगा। हालांकि जिला अभियंता धनंजयमणि त्रिपाठी ने कहा कि फिलहाल कार्रवाई संबंधी कोई भी सूचना मेरे जानकारी में नहीं है। इस संबंध में डीडीसी सुनील कुमार ने कहा कि संयुक्त सचिव का पत्र आने की जानकारी है। इस मामले में मुझे कोई आदेश नहीं प्राप्त है।


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