सिवान पीएचसी में सुविधाएं नदारद
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्पतालों का विस्तार किया जा रहा है। विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कर ऑपरेशन तक की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन हकीकत में अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं।
सिवान : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्पतालों का विस्तार किया जा रहा है। विभाग द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कर ऑपरेशन तक की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत में अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं। कई अस्पतालों में तो प्राथमिक उपचार की भी सुविधा नहीं है। यहां आने वाले रोगियों को सीधे सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति जिला मुख्यालय स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। शहरी आबादी विशेष रूप से शहरी गरीबों और समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों को बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से शहर के महादेवा दलित क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्र खोला। इस स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तर्ज पर सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जानी है, लेकिन लगभग तीन साल होने के बाद भी शहरी क्षेत्र का पीएचसी अस्तित्व में नहीं आ पाया है। इसका खुलासा जागरण टीम द्वारा किए गए मंगलवार को किए गए ऑन द स्पॉट के दौरान हुआ।
दो आयुष चिकित्सक के भरोसे है स्वास्थ्य व्यवस्था :
विभाग द्वारा पदस्थापित दो आयुष चिकित्सक डा. कुमारी प्रियंका व डा. शौकत अली सिर्फ अस्पताल होने का एहसास दिलाते हैं। कहने के लिए डॉक्टर के अलावा एक डाटा इंट्री ऑपरेटर तथा दो एएनएम व एक सफाईकर्मी पदस्थापित हैं, लेकिन अस्पताल परिसर में फैली गंदगी इस बात को बयां कर रहे हैं कि यहां स्वास्थ्य सेवा के साथ साथ सफाई व्यवस्था भी काफी लचर है। साफ-सफाई के बारे में जब प्रतिनियुक्त चिकित्सक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सफाईकर्मी को फोन कर बुलाना पड़ता है। कभी-कभी तो बुलाने के बावजूद भी नहीं आती है।
सामान्य ओपीडी को छोड़ नहीं है कोई भी सुविधा :
मात्र एक महिला चिकित्सक के भरोसे चल रहे महादेवा स्थित अर्बन पीएचसी में सामान्य ओपीडी को छोड़कर कोई सुविधा मरीजों को नहीं मिलती है। टीकाकरण का काम करीब कई माह से बंद है। कंपाउंडर या ड्रेसर की पदस्थापना नहीं होने से प्राथमिक उपचार की बात तो दूर एक इंजेक्शन भी मरीजों को नहीं लगाई जा सकती। यहां पर ना तो किसी प्रकार के पैथेलॉजिकल जांच होते हैं और ना ही यहां से सैंपल को इकठ्ठा कर जांच के लिए पीएचसी या सदर अस्पताल को भेजा जाता है। प्रतिनियुक्त कर्मियों की मानें तो स्वास्थ्य केंद्र में लैब की सारी सुविधाएं तो हैं, लेकिन लैब टेक्निशियन की प्रतिनियुक्ति नहीं होने से मरीजों को परेशानी होती है।
केवल कागजी तौर पर ही मरीजों को मिलती है स्वास्थ्य सुविधा :
इस स्वास्थ्य केंद्र में मातृ स्वास्थ्य देखभाल, सामान्य प्रसव की सुविधा, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, बाल्यावस्था एवं किशोर स्वास्थ्य देखभाल, परिवार नियोजन एवं गर्भ निरोधक सेवाएं, नेत्र एवं ईएनटी से संबंधित सामान्य सेवाएं, स्वास्थ्य बीमारियों की स्क्रीनिग एवं सामान्य प्रबंधन, दंत देखभाल से संबंधित सामान्य सेवाएं, वृद्धास्था स्वास्थ्य देखभाल एवं आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी है, लेकिन सारी सुविधाएं व योजनाएं मरीजों को केवल कागज पर ही उपलब्ध कराई जाती है। धरातलीय स्तर पर देखा जाए तो इनमें से कोई भी सुविधा मरीजों को नहीं मिल पाती है।
नहीं है शुद्ध पेयजल की व्यवस्था :
अर्बन पीएचसी में शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर आरओ मशीन तो दिया गया, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी इसे लगाने की जहमत नहीं उठाई गई है। मशीन पूरी तरह से धूल फांक रही है। इससे यहां आने वाले मरीजों के साथ प्रतिनियुक्त चिकित्सक व कर्मियों को बाहर से ही या घर से ही पीने का पानी लेकर आना पड़ता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
पीएचसी के लिए चार नर्स व दो लैब टेक्निशियन की प्रतिनियुक्ति की गई है। जल्द ही सभी खामियों को दूर करा दिया जाएगा। हालांकि जहां तक कंपाउंडर या ड्रेसर की बात है तो इसकी विभाग द्वारा भर्ती नहीं कराई जा रहा है, लेकिन इसको भी लेकर कोई ना कोई व्यवस्था तत्काल कराई जाएगी।
डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा,
सिविल सर्जन, सदर अस्पताल, सिवान।