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सिवान बस स्टैंड में सुविधाएं नदारद

हर साल करोड़ों रुपये में नीलाम होने वाले मजहरुल हक बस स्टैंड में वर्षों से यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं की अनदेखी होती आई है। स्टैंड में जहां-तहां गंदगी फैले रहना तो आम बात हो गई है। यात्रियों के लिए बनाए गए यात्री शेड के आस पास इस कदर गंदगी पसरी रहती है कि यहां एक क्षण भी रहना संक्रमण को दावत देने के बराबर है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:25 PM (IST)
सिवान बस स्टैंड में सुविधाएं नदारद
सिवान बस स्टैंड में सुविधाएं नदारद

सिवान । हर साल करोड़ों रुपये में नीलाम होने वाले मजहरुल हक बस स्टैंड में वर्षों से यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं की अनदेखी होती आई है। स्टैंड में जहां-तहां गंदगी फैले रहना तो आम बात हो गई है। यात्रियों के लिए बनाए गए यात्री शेड के आस पास इस कदर गंदगी पसरी रहती है कि यहां एक क्षण भी रहना संक्रमण को दावत देने के बराबर है। इतना ही नहीं यहां यात्रियों के लिए एक मॉडल शौचालय तक की सुविधा नहीं है। पुरुष यात्रियों को खुले में शौच के लिए दीवारों का सहारा लेना पड़ता है, जबकि महिला यात्रियों का हाल तो बयां करने लायक भी नहीं है। गौरतलब हो कि यह बस पड़ाव नगर परिषद के अंतर्गत आता है और इससे नगर परिषद को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ 89 लाख रुपये से अधिक राशि की राजस्व की प्राप्ति होती है। इसके एवज में यात्रियों को जितनी सुविधाएं मिलनी चाहिए, उतनी मिल नहीं पाती है। महिला यात्रियों को होती है परेशानी : कहने को तो बस स्टैंड परिसर में एक सुलभ शौचालय तो है, लेकिन वहां इतनी गंदगी रहती है कि यात्री अपनी नाक बंद कर मजबूरी में शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। अधिकांश पुरुष यात्री तो खुले में ही किसी तरह से अपना काम चला लेते हैं, लेकिन महिला यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। यात्रियों की मानें तो बस स्टैंड के अंदर बने यात्री शेड के इर्द-गिर्द गंदगी पसरी रहती है। इससे हमेशा से संक्रमण का खतरा बना रहता है। वहीं कोरोना जैसी महामारी काल में तो और भी ज्यादा संक्रमित होने का खतरा बना है। प्रतिदिन खुलती है 200 से अधिक छोटी-बड़ी गाड़ियां : मजहरुल हक बस पड़ाव से प्रतिदिन राज्य व अंतरराज्य स्थानों के लिए लगभग 200 से अधिक छोटी-बड़ी गाड़ियों का परिचालन होता है। सीमांचल से सटे यूपी से भी यहां यात्री आते-जाते हैं, लेकिन नगर परिषद प्रशासन द्वारा मॉडल शौचालय बनाने की पहल अबतक नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार बस स्टैंड से दिल्ली, यूपी के गोरखपुर, लखनऊ व बलिया, झारखंड के बोकारो, रांची, रामगढ़, बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज समेत अन्य जिलों के लिए बसें खुलती हैं। साथ ही इन जगहों के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री आवागमन करते हैं। परिसर में जमा होता है बरसात का पानी : बस पड़ाव लो लैंड में रहने के कारण आसपास के क्षेत्र से बरसात का पानी स्टैंड परिसर के अंदर जमा हो जाता है। इस कारण बरसात के दिनों में पानी लग जाता है। इससे भी यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं विभाग द्वारा भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। क्या कहते हैं जिम्मेदार :

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मजहरुल हक बस पड़ाव में पूर्व में भी बहुत सारा कार्य कराया गया है। आधुनिक सुविधा एवं जलजमाव से पूर्ण रूप से निजात दिलाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। जबकि मॉडल शौचालय के लिए रुपरेखा तैयार की गई है। जल्द ही यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलने लगेगी। राहुल धर दुबे, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद।


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