मांगलिक कार्यक्रमों पर भी लग गया है कोरोना का ग्रहण
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को ले लॉकडाउन से जहां हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है वहीं सात फेरों पर भी कोरोना का काला साया पड़ गया है। हर साल अप्रैल माह में जहां जमकर शादी विवाह होते रहते थे लेकिन इस बार अप्रैल माह के विवाह पर कोरोना वायरस से फैल रही महामारी भारी पड़ती दिखाई दे रही है।
सिवान । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को ले लॉकडाउन से जहां हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है, वहीं सात फेरों पर भी कोरोना का काला साया पड़ गया है। हर साल अप्रैल माह में जहां जमकर शादी विवाह होते रहते थे, लेकिन इस बार अप्रैल माह के विवाह पर कोरोना वायरस से फैल रही महामारी भारी पड़ती दिखाई दे रही है। इस माह के दूसरे सप्ताह से शुरू हो रहे विवाह मुहूर्त की लोग जहां बुकिग कैंसिल करने पर उतारू हो रहे हैं, वहीं जिनके घरों में पहले से ही शादी की तिथि निर्धारित हो चुकी है उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। इससे मैरेज हॉल व होटलों तथा बैंड बाजों के संचालक परेशान नजर आ रहे हैं। लोक पहले से तय कार्यक्रमों की बुकिग कैंसिल कराने पर अड़े हुए है। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय की माने तो 26 अप्रैल को भी अक्षय तृतीया का भी अद्भुत मुहूर्त पड़ रहा है। पहले से ही अधिकांश घरों में विवाह की तैयारियों हो चुकी है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति में तथा संभावित पावंदियों को देखते हुए लोग इस माह शादी समारोह के लिए तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। इस कारण घरों अथवा विवाह घरों व होटलों में बजने वाली शहनाइयों पर उम्मीद का कुहासा घिरता नजर आ रहा है। लॉकडाउन के कारण जहां दूल्हा-दुल्हन व स्वजनों की खुशियां फीकी हो गई है। वहीं होटल, टेंट, कैटरिग, फूल, बग्घी, हलवाई आदि समेत दुकानदारों के चेहरों के रंग भी उतर गए हैं। आचार्य ने बताया कि अप्रैल माह में 13, 15, 16, 17, 20, 25, 26 व 27 को शादी का शुभ मुहूर्त है। इन दिनों में करीब एक सौ से ज्यादा जोड़े शादी के बंधन में बंधने वाले थे। लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए इनमें से कुछ अब मई माह में शादी करने की तैयारी में जुटे हुए है, तो कुछ नवंबर व दिसंबर की प्लानिग कर रहे है।