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मारुति नंदन महायज्ञ को ले निकाली गई कलश यात्रा,

सिवान। प्रखंड के भिटौली गांव से मारुति नंदन महायज्ञ के लिए शनिवार को हाथी-घोड़े बैंड बाजे के साथ कलश

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 05:52 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 05:52 PM (IST)
मारुति नंदन महायज्ञ को ले निकाली गई कलश यात्रा,
मारुति नंदन महायज्ञ को ले निकाली गई कलश यात्रा,

सिवान। प्रखंड के भिटौली गांव से मारुति नंदन महायज्ञ के लिए शनिवार को हाथी-घोड़े बैंड बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में दर्जनों गांवों के लगभग ग्यारह हजार महिला-पुरुष, बालक-बालिका श्रद्धालु लाल-पीला वस्त्र धारण कर भिटौली यज्ञ मंडप से शुरू हो छोटकी दोन, बलिया, कृष्णपाली, मुड़ा होते हुए दरौली सरयू नदी के पंचमंदिर घाट पर पहुंचे, जहां आचार्य चंद्रमणि चतुर्वेदी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जल भरा गया। जल भरने के बाद श्रद्धालु पुन: महायज्ञ स्थल पर पहुंचे जहां विधि विधान से महायज्ञ शुरू हो गया। कलश यात्रा में साधु-संतों की टोली चल रही थी। श्रद्धालुओं के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था। इस यज्ञ के दौरान कलाकारों की मंडली प्रतिदिन दिन एवं रात में

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रामलीला एवं रासलीला का मंचन करेगी। पं. चुमन तिवारी ने कलश भरने के महत्ता को बताया कि कलश ग्लोब का प्रतीक माना गया है। इसमें संपूर्ण देवता समाए हुए रहते हैं। कलश भरने से जीवन में वैभव और मंगल कामनाओं का वृद्धि होती है। 


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