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जून ने तपाया, जुलाई ने आस जगाया

-जुलाई में बुधवार सुबह आठ बजे तक औसत से डेढ़ गुना हुई बारिश -जून में औसत से 40 एमएम क

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Jul 2017 03:07 AM (IST)Updated: Thu, 06 Jul 2017 03:07 AM (IST)
जून ने तपाया, जुलाई ने आस जगाया
जून ने तपाया, जुलाई ने आस जगाया

-जुलाई में बुधवार सुबह आठ बजे तक औसत से डेढ़ गुना हुई बारिश

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-जून में औसत से 40 एमएम कम हुई थी बरसात

जागरण संवाददाता, सिवान :

सिवान। बारिश के मामले में जून ने जितना जलाया था, जुलाई ने उतनी ही ज्यादा उम्मीद जगा दी है। जून में औसत से 40 मिलीमीटर कम बारिश हुई थी। जुलाई की स्थिति देखें तो शुरुआती पांच दिन में ही औसत से डेढ़ गुना ज्यादा बारिश हो चुकी है। अभी मौसम बना हुआ है। बारिश होने की उम्मीद से किसान गदगद हैं। कहीं-कहीं धान की रोपाई शुरू हो चुकी है। जून में सूखा के कारण जो किसान धान का बिचड़ा नहीं डाल सके थे, उनको भी मौका मिल गया है और वे बिचड़ा डालने में जुट गए हैं।

जून की स्थिति तो बहुत ही खराब थी। इस महीने में जिले में औसत बारिश 124.8 एमएम होनी चाहिए थी। हुई मात्र 85.2 एमएम। इसमें भी सभी प्रखंडों में बराबर बरसात नहीं हुई। कहां डेढ़ सौ एमएम से ज्यादा हुई तो कहीं 15 एमएम भी नहीं हुई। कम बारिश वाले प्रखंडों में धान का बिचड़ा भी समय से नहीं डाला जा सका था। सिसवन में सबसे कम 13.9 एमएम बारिश हुई। नौतन में सबसे ज्यादा 159.1 एमएम बरसात हुई। यहां के किसानों ने इसके चलते समय से बिचड़ा डाल दिया था। जुलाई में पर्याप्त बारिश होते ही धान की रोपाई शुरू हो गई। जुलाई में पहले पांच दिनों में सबसे ज्यादा बारिश गुठनी प्रखंड में 170 एमएम बारिश हुई है। चालू माह में अब तक औसत बारिश 83.4 एमएम हुई है।

जून और जुलाई में अब तक प्रखंडवार हुई बारिश (एमएम) का आंकड़ा

प्रखंड जून जुलाई

सिवान सदर 68.2 60.2

पचरूखी 64.2 16.8

महाराजगंज 76.2 26

भगवानपुर हाट 133.4 90.4

बसंतपुर 139.5 106.5

लकड़ीनवीगंज 87.4 82.4

बड़हरिया 141.2 115

गोरेयाकोठी 138 68.5

दारौंदा 34.2 47

मैरवा 117 96

नौतन 159.1 87

हुसैनगंज 98 41

आंदर 30.2 103.1

जीरादेई 58.3 129

सिसवन 13.9 113.8

रघुनाथपुर 44 84

दरौली 79.2 102.2

गुठनी 68.5 170

हसनपुरा 85.5 68

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खरीफ के लिहाज से अच्छी बारिश हो रही है। मक्का और अरहर की जितनी जल्द हो सके, बोआई पूरी कर लें। जो लोग धान का बिचड़ा नहीं डाल सकें, वे अगैती प्रभेद का बिचड़ा शीघ्र डालें। जिनका बिचड़ा तैयार हो चुका है, वे खेत की तैयारी करके रोपाई शुरू कर दें। आगे भी अच्छी बारिश की संभावना है।

राजेंद्र कुमार वर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी


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