किसी भी परिस्थिति में न्यायिक कार्य का नहीं करेंगे बहिष्कार
उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिवक्ताओं के हितों के प्रतिकूल आदेश पारित करने पर सिविल कोर्ट सिवान के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को नवीन संघ भवन में बैठक आयोजित कर अपना प्रतिरोध दर्शाया है।
सिवान। उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिवक्ताओं के हितों के प्रतिकूल आदेश पारित करने पर सिविल कोर्ट सिवान के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को नवीन संघ भवन में बैठक आयोजित कर अपना प्रतिरोध दर्शाया है। वरीय अधिवक्ता एवं पूर्व संघ के अध्यक्ष बृजमोहन रस्तोगी ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा लिए गए प्रतिकूल निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया की उच्चतम न्यायालय ने अपने एक नवीन आदेश में यह स्पष्ट किया है कि अधिवक्ता किसी भी परिस्थिति में न्यायिक कार्य का बहिष्कार नहीं करेंगे। हड़ताल नहीं करेंगे, धरना प्रदर्शन इत्यादि नहीं करेंगे। रस्तोगी ने यह भी स्पष्ट किया उच्चतम न्यायालय का आदेश अधिवक्ताओं के स्वतंत्र पेशा पर अंकुश लगाए जाने के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिवक्ताओं की बहुत सी मांगे हैं जो सरकार और न्यायालय के सामने विचाराधीन है,लेकिन आनन-फानन में इस तरह का आदेश पारित कर अधिवक्ताओं को आवाज उठाने से रोकना उनके पेशा के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे देश में मंगलवार को उक्त कानून पर चर्चा की जा रही है और राय मांगी जा रही है। उन्होंने अधिवक्ता संघ की ओर से मांगे गए सुझाव पर अपनी पुरजोर आपत्ति एवं विरोध दर्ज कराया। बैठक में वरीय अधिवक्ता शंभू दत्त शुक्ला, ललन ¨सह, शिवनाथ ¨सह, अवधेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. विजय कुमार पांडेय, रजनी रंजन त्रिवेदी एवं संघ के कार्यवाहक सचिव कलीमुल्लाह ने अपने विचार व्यक्त किए तथा एक ज्ञापन संघ को समर्पित किया गया।