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बच्चे: जनता को पुलिस से डर क्यों लगता है? एसपी: जनता को नही शरारती तत्वों को डर लगता है

बाल दिवस को लेकर स्कूली छात्रों और जिले के पुलिस अधीक्षक के बीच इंटरनेशनल एक्सेस स्कूल के बच्चों ने

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:00 PM (IST)
बच्चे: जनता को पुलिस से डर क्यों लगता है? एसपी: जनता को नही शरारती तत्वों को डर लगता है
बच्चे: जनता को पुलिस से डर क्यों लगता है? एसपी: जनता को नही शरारती तत्वों को डर लगता है

बाल दिवस को लेकर स्कूली छात्रों और जिले के पुलिस अधीक्षक के बीच इंटरनेशनल एक्सेस स्कूल के बच्चों ने अपने कैरियर से जुड़े सवालों के साथ एसपी नवीन चंद्र झा से आइपीएस बनने के बारे में कई सारे सवाल पूछे और खुद को मोटिवेट किया। एसपी ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का बहुत ही सहजता के साथ जवाब दिया। एसपी ने बच्चों से संवाद के दौरान अपनी छात्र-जीवन से लेकर आइपीएस तक के सफर को बच्चों के साथ खुलकर साझा किया। साथ ही दीपावली के अवसर पर पटाखा में खरीद कर रुपये नहीं बर्बाद करने की अपील की। कहा कि मन हो तो पटाखा कम से कम राशि का ही खरीदें। इसे निर्धारित समय पर ही फोड़ें। स्कूल के छात्रों द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्नों के सवाल व जवाब इस प्रकार से हैं। प्रश्न: जिले में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए क्या योजनाएं है? फैयाज, वर्ग नौ

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उत्तर: विधि व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं आए, इसके लिए चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती की गई है। नियमित गश्त, कांडों को नियमित समीक्षा आदि किया जाता है।

प्रश्न: शहर में जाम से निजात पाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किए जा रहे हैं?दानिश, वर्ग नौ

उत्तर: इसके लिए जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है। लोगों को एक तरफ से जाने व दूसरे तरफ से आने की अपील की जाती है। यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाता है।

प्रश्न: जनता को पुलिस से डर क्यों लगता है?

शोएब, वर्ग नौ

उत्तर: पहले लोगों को डर लगता था। अब बहुत कम लोग ही डरते हैं। शरारती तत्वों को डर लगता है। प्रश्न: कैदियों को जागरूक करने के लिए कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? सादिक, वर्ग दस

उत्तर: कैदियों को जागरूक करने से संबंधित कार्य हमारा नहीं है। लेकिन सरकार जेल में उनके कौशल विकास के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण

आयोजित कराती है। प्रश्न : आपके किसको अपना आर्दश माना?

सायका, वर्ग नौ

उत्तर : मैंने महान दार्शनिक जीतू कृष्णमूर्ति व विवेकानंद को अपना आदर्श माना। मैने उनकी हर लिखी हुई किताबों को पढ़कर उनके आदर्शो को जीवन में उतारने की कोशिश की। साथ ही साथ शरतचंद्र चटोपाध्याय की पुस्तकें पढ़ी। प्रश्न : हमारे भविष्य के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

मुशाहिद, वर्ग दस

उत्तर : सबसे पहले तो हमें लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। साथ ही साथ यह आपको पता होना चाहिए कि आप क्या नहीं कर सकते हैं। उस काम को कभी न करें। यह गलतफहमी तो कभी नहीं पालनी चाहिए कि मै पांच साल में इसकी तैयारी कर यह कर सकता हूं। अपना एक लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए, तभी हम किसी भी सूरत में इसकी प्राप्ति कर पाएंगे।

--------------------------------------------- बाल संवाद का स्कूल प्रबंधन के साथ छात्रों ने की सराहना जासं, सिवान : दैनिक जागरण के सात सरोकार में शामिल शिक्षित समाज के तहत संचालित बाल संवाद कार्यक्रम में से मिलने के बाद बच्चों ने अपने

अपने विचार खुलकर रखे। महावीरी स्कूल के सभी बच्चे जो एसपी एनसी झा से संवाद किए थे, वे काफी खुश थे। संवाद से लौटने के बाद सोमवार को आपस में संवाद की चर्चा की। एसपी ने बच्चों से अपनी छात्र जीवन से लेकर आइपीएस बनने तक के सफर को साझा किया था और टिप्स भी दिए थे। बच्चों ने बताया कि हमलोग एसपी से मिलकर मोटिवे¨टग व इंस्पायर्ड हुए हैं। जेके कान्वेंट स्कूल में जो बच्चे कार्यक्रम में नहीं भाग लिए थे।

उन्हें भाग लेने वाले बच्चे संवाद कैसा रहा बता रहे थे। मौके पर स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक व कई छात्र-छात्राएं शामिल थीं। इतना ही नहीं डीएवी शताब्दी के छात्र-छात्राओं ने भी अपने यहां इस संवाद के अनुभव को अन्य बच्चों के साथ साझा किया।


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