सौर ऊर्जा से रोशनी की योजना पर भ्रष्टाचार के अंधेरे साए का डेरा
अंधेरी रातों में गांव की सुनसान सड़कों को सौर ऊर्जा के जरिए रोशन ।
जासं, सिवान : अंधेरी रातों में गांव की सुनसान सड़कों को सौर ऊर्जा के जरिए रोशन करने के लिए सरकार ने सोलर लाइट लगवाया। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना और सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत लाइटें लगाई गईं।
ऐसा लगा जैसे बिजली की कमी के कारण सड़कों पर पसरा अंधेरा सौर उर्जा की रोशनी से दूर होगा, लेकिन इस योजना पर भ्रष्टाचार के अंधेरे साए ने डेरा जमा लिया। इन योजनाओं के तहत लगाई गई सोलर लाइटें या तो घटिया किस्म की लगाई गईं या नहीं तो उसमें लगने वाली बैट्री ही घटिया थी। इस कारण सोलर लाइटें शोभा की वस्तु बनकर रह गई हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिले के किसी गांव या प्रखंड में कितनी सोलर लाइटें लगाई गईं इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है। जो कहीं ना कहीं वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2014-16 में 1520 सोलर लाइटें थी लगानी, जिसमें 880 ही लगीं
जिला नियोजनालय विभाग के सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-16 में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत 1520 सोलर लाइटें लगाई जानी थीं, जिसमें 880 सोलर लाइटें ही लगाई गई थी। बाकी 640 लाइटें नहीं लगाई गई थीं। जिसमें मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत डबल हैंड की सोलर लाइटें 39 हजार 200 रुपये की लागत से तथा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत ¨सगल हैंड की सोलर लाइटें 42 हजार 500 रुपये की लागत से लगाई गई थीं। दोनों योजनाओं के तहत लगी लाइटों में ज्यादातर अब पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं और जो शेष बची हैं वे मेंटेनेंस के अभाव में दम तोड़ रही हैं।
--------------------------------- बयान :::::::::-
क्या कहते हैं अधिकारी :
खराब पड़े सोलर लाइटों के मेंटेनेंस का काम एक एजेंसी को दिया गया है। सूचना है कि बहुत सारे प्रखंडों में लाइटें शोभा की वस्तु बनकर रह गई हैं, जिसकी जांच कर जल्द से जल्द उनको ठीक कराया जाएगा। साथ ही इसकी विस्तृत जानकारी एकत्र की जाएगी। अनिरंजन कुमार सिन्हा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सिवान