इंसानियत की मिसाल: रोजा तोड़ किया रक्तदान, बचाई दो नवजातों की जान
एक युवक ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए रोजा तोड़कर रक्तदान किया और दो नवजातों की जान बचायी। उसके इस नेक काम की तारीफ सभी लोग कर रहे हैं।
सिवान [जेएनएन]। जब तक ऊपर वाला नहीं चाहेगा इंसान का बाल भी बांका नहीं हो सकता है। ऊपर वाले के ही हाथ में मरना और जीना दोनों हैं। कुछ इसी तरह सदर अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे दो नवजातों की जान बचाने के लिए ऊपर वाले ने अपने बंदे को भेज दिया। नेकदिल बंदे ने रोजा तोड़कर रक्तदान किया और नवजात की जान बचायी। मामला बिहार के सिवान जिले का है।
सिवान शहर के रहने वाले इमरान ने अपने नाम के अनुसार इंसानियत की मिसाल पेश की है। सदर अस्पताल में भर्ती दो नवजातों को खून की जरूरत थी और वे जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे। इनमें एक महाराजगंज का भरत कुमार है जो नौ दिन से भर्ती है और दूसरा टाड़वां राज कुमार है। दोनों बच्चे एनआइसी में एडमिट थे, जिनका इलाज डॉ इसराइल कर रहे थे।
दोनों बच्चों को ब्लड की जरूरत थी। परिजन परेशान थे। इसी बीच इमरान अख्तर भी वहां मौजूद था और उसने बिना कुछ सोचे समझे रोजा तोड़ कर रक्तदान करने का फैसला किया। मौके पर साहिल मकसूद, नेमत खान, फरहान असलम, राजा कुमार, शानू शराफ, इमरान अहमद, मेराज अहमद, स्वप्रिल सोनी समेत तमाम लोगों ने इमरान के इस नेक काम की तारीफ की। पूरे क्षेत्र में यह चर्चा हो रही है कि यदि सभी लोग इमरान की तरह हो जायें तो देश में हमेशा सौहार्द का वातावरण बना रहेगा।