कैसे पूरा होगा खुले में शौच से मुक्त का लक्ष्य, चार साल में 126 गांव ओडीएफ
सिवान। प्रधानमंत्री ने देश को खुले में शौच मुक्त करने की मुहिम छेड़ रखी है। इस मुहिम को साकार करने क
सिवान। प्रधानमंत्री ने देश को खुले में शौच मुक्त करने की मुहिम छेड़ रखी है। इस मुहिम को साकार करने की जिम्मेदारी जिले के आलाधिकारियों के हाथों में है। अगले वर्ष मार्च तक जिले को ओडीएफ घोषित करना है। लेकिन जिस रफ्तार से ओडीएफ की गाड़ी को जिले में दौड़ाया जा रहा है उससे तो यही लग रहा है कि खुले में शौचमुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित समय में पूरा नहीं हो पाएगा। बैलगाड़ी की रफ्तार से चल रही ओडीएफ कार्यप्रणाली का नतीजा है कि पिछले चार वर्षों में अब तक महज 126 गांव ही ओडीएफ घोषित हो गए हैं। जबकि जिले के 1267 गांव अब भी
ओडीएफ से कोसों दूर हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले के 1393 गांव को खुले में शौच मुक्त करना है। सूत्रों की माने तो महज सात महीने में इस लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल होगा, लेकिन विभागीय पदाधिकारियों का कहना है कि बहुत सारे प्रखंड जैसे जीरादेई, नौतन, महाराजगंज, बसंतपुर व भगवानपुर समेत अन्य प्रखंड ओडीएफ के कगार पर हैं। बताया जाता है कि 5 साल के लक्ष्य को लेकर इसे बनाया गया था। इसलिए जिलास्तर के वरीय पदाधिकारियों को एक एक प्रखंड का प्रभार दिया गया है। हर प्रखंड पंचायत स्तर पर वार्डवार स्वच्छाग्राही, स्वच्छता जांच टीम आदि बनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
80 प्रतिशत शौचालय वाले गांव ही होंगे ओडीएफ घोषित :
विभागीय पदाधिकारियों ने बताया कि 2 अक्टूबर तक 80 फीसदी शौचालय निर्माण वाले गांवों को ही ओडीएफ घोषित किया जाएगा। जिले में ऐसे 45 गांव हैं, जहां 80 फीसदी घरों में शौचालय निर्माण करा लिया गया है। अभियान के तौर पर इन सभी गांवों को आगामी दो अक्टूबर तक ओडीएफ घोषित करना है।
क्या कहते हैं अधिकारी
10 प्रखंडों के गांवों को मिशन मोड पर ओडीएफ किया जा रहा है। वहीं जिले के कुल 293 पंचायतों में से 65 पंचायत पूर्ण रूप से खुले शौच मुक्त हो चुके हैं। जिले को लगभग 65 प्रतिशत ओडीएफ किया जा चुका है। अगले साल तक ससमय जिले को पूर्णतया ओडीएफ कर दिया जाएगा। लक्ष्य को पाने के लिए जिले में विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
सुनिल कुमार, उपविकास आयुक्त, सिवान।