पहला मुकदमा: मारपीट मामले में मुवक्किल को दिलाई थी जीत
युवा अधिवक्ता विजय कुमार दुबे बताते हैं कि बेलउर गांव ग्राम निवासी चंद्रावती देवी ने उन्हें एक फौ
युवा अधिवक्ता विजय कुमार दुबे बताते हैं कि बेलउर गांव ग्राम निवासी चंद्रावती देवी ने उन्हें एक फौजदारी मामले में वकील नियुक्त किया। चंद्रावती देवी को उसके पड़ोसी सुरेंद्र गिरि एवं अन्य ने गाय के गोबर फेंकने को लेकर हुए विवाद में मारपीट कर घायल कर दिया था। उक्त मामले में चंद्रावती देवी एवं उसके पुत्र भी घायल हो गए थे। चंद्रावती ने अपने पड़ोसी पट्टीदार को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी चूंकि उस मामले में पुलिस का रुख असहयोगात्मक था। इसलिए बतौर सूचक के रूप में चंद्रावती देवी ने मुझ पर विश्वास व्यक्त करते हुए अपना वकील नियुक्त किया। अपने को स्थापित करने के लिए उक्त मुकदमे में विजय हासिल करना जरूरी था। मैंने घटनाक्रम एवं घटना में प्रयुक्त सबूतों तथा कानूनी पहलुओं को क्रमवार अदालत में प्रस्तुत किया। उन्होंने बहस के दौरान अदालत को समझाया कि बेबस महिला पर कानून अपने हाथ में लेकर जुर्म करना अपराध है और अपराधी को सजा देने में ही न्याय है। अदालत अधिवक्ता एवं कानूनी तथ्यों से सहमत होते हुए चंद्रावती देवी को गंभीर रूप से घायल करने वाले पड़ोसी पट्टीदार को लगभग डेढ़ वर्ष की कारावास की सजा दी थी।
अधिवक्ता विजय कुमार दुबे