धरती माता करे पुकार, ¨हदी भाषा का हो प्रचार
जिले के विभिन्न प्रखंडों में शुक्रवार को ¨हदी दिवस मनाया गया।
सिवान। जिले के विभिन्न प्रखंडों में शुक्रवार को ¨हदी दिवस मनाया गया। इसको लेकर महिलाओं ने जागरूकता दिखाई दिया तथा अपना विचार व्यक्त करते हुए ¨हदी के प्रयोग पर बल दिया। संघमित्रा पब्लिक स्कूल की प्राचार्य नवोनिता घोष ने ¨हदी पर अपने विचार व्यक्त कहा कि ¨हदी हमारी राष्ट्र भाषा एवं राजभाषा है। साथ ही पहचान है, लेकिन आज इसकी इसकी पहचान युवा पीढ़ी में लुप्त होती जा रही है। बच्चे अपनी पहचान भूलकर पाश्चात्य के प्रति आकृष्ट होते जा रहे हैं। इसके चलते हमारी संस्कृति धूमिल हो रही है और यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक चुनौती भी है। हमारी संस़्कृति पुकारती हुई कराह रही है- धरती मां करे पुकार, ¨हदी भाषा का हो प्रचार।
लुप्त होती संस्कृति का रक्षा करना ही हमारा आधार। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को अपनी संस्कृति की रक्षा हेतु अपनी पहचान को बचाना होगा। उन्होंने अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए सभी से अपनी पहचान बनाए रखने की अपील की।
वहीं कवियत्री आरती आलोक वर्मा ने ¨हदी दिवस पर कुछ कविताओं को प्रस्तुत कर अपने विचार रखे। उन्होंने कहाकि 14 सितंबर 1949को आजादी के बाद ¨हदी को देश की मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ। उसकी याद में हम प्रतिवर्ष इस तिथि पर ¨हदी दिवस मनाते हैं। हमें इस बात का गर्व है कि हम ¨हदी भाषी हैं लेकिन हमने इस गर्व को खो दिया है। साहित्य के गद्य-विद्या में भी अनेक नाम हैं। जिन्होंने कालजयी रचना का सृजन किया है। सम्राट प्रेमचंद, निर्मल वर्मा, अज्ञेय, जैनेंद्र कुमार और भी बहुत सारे नाम हैं जो प्रमुख रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमें ¨हदी दिवस को एक दिन औपचारिकता पूर्वक निभा कर अपने दायित्वों से मुक्त नहीं होना चाहिए। बल्कि हमसभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए कि बोलचाल से लेकर, ज्यादातर, काम काज में ¨हदी भाषा का प्रयोग करें।