गरीबों के घर में 'उज्ज्वला' की लौ से रोशन हो रही रसोई
आशुतोष कुमार अभय. सिवान ---------------------------- कभी सोचा नहीं था कि ¨जदगी में जलावन व धुंआ
आशुतोष कुमार अभय. सिवान
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कभी सोचा नहीं था कि ¨जदगी में जलावन व धुंआ के बीच खाना पकाने से मुक्ति मिल जाएगी। हमारे भी घर में गैस कनेक्शन और चूल्हा होगा। लेकिन केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना लाकर गरीब वर्ग की महिलाओं को भी धुंआ के बीच खाना पकाने और आंसू बहाने जैसी समस्याओं से निजात दिला दिया। यह बातें पचरुखी चीनी मिल से सटे जुड़ी हाता दलित बस्ती की महिलाओं ने उज्ज्वला योजना की पड़ताल के दौरान कही। दलित महिला बसंती देवी, सोनिया देवी, नन्हकी देवी,रानी देवी आदि ने कहा कि साक्षी सुंदर इंडेन एजेंसी में हमलोगों ने आवेदन किया था। जहां से आवेदन के बाद निश्शुल्क गैस कनेक्शन घर आकर एजेंसी के कर्मियों ने दिया। इसके बाद हमलोग गैस बु¨कग करते हैं और आसानी से घर सिलेंडर पहुंच जाता है। इस पर मिलने वाले अनुदान सिलेंडर प्राप्त होने के एक से दो दिनों के अंदर खाते में पहुंच जाता है। इसके अलावा दारौंदा, बसंतपुर, गोरेयाकोठी, नौतन, गुठनी, बड़हरिया, रघुनाथपुर सहित अन्य प्रखंडों में भी कई ओबीसी, एससी, एसटी परिवार के लाभुकों के यहां इस योजना की धरातल पर वास्तविक स्थिति को पता कराया गया। जहां संतोषजनक जवाब लाभुकों ने दिया। गौर करने वाली बात है कि पूरे जिले में दिसंबर माह तक एक लाख बीस हजार आठ सौ 82 लाभुकों ने गैस कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था। इसमें एक लाख पांच हजार दो सौ 39 लाभुकों को गैस कनेक्शन दे दिया गया है। विभिन्न कारणों से दो हजार तीन सौ 49 आवेदन लंबित रहा। जबकि 18 हजार आठ सौ 37 आवेदन निरस्त कर दिए गए है। जिले में इस योजना के तहत कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है। क्या कहते हैं अधिकारी
जनवरी महीने तक करीब एक लाख तीस हजार अंतोदय व पीएचएच कार्डधारियों को निश्शुल्क गैस कनेक्शन दे दिया गया है। अभी भी गैस कनेक्शन देने का कार्य जारी है। गरीबी रेखा से नीचे वाले सभी लाभुकों को कनेक्शन दिया जाना है। इसके लिए आधार नंबर अनिवार्य है।
सतोष कुमार झा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सिवान