खरना आज, गुड़ की खीर खाने की है खास परंपरा
सिवान। नहाय खाय के साथ ही आस्था के महापर्व की शुरुआत हो गई। कार्तिक मास के शुक्ल पंचमी तिथि को खर
सिवान। नहाय खाय के साथ ही आस्था के महापर्व की शुरुआत हो गई। कार्तिक मास के शुक्ल पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। इस दिन व्रति दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को भगवान का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। छठव्रतियों द्वारा खरना की प्रसाद के लिए गेहूं आदि धोकर सुखाने का काम किया गया। इस दिन भोजन में रोटी व गुड़ की खीर(रसियाव) खाने की परंपरा है। व्रतियों ने बताया कि मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी का प्रयोग कर प्रसाद बनाया जाता है। खीर पकाने के लिए साठी के चावल का प्रयोग किया जाता है। रसियाव के अलावा मूली व केला को साथ रखकर पूजा की जाती है। उन्होंने बताया कि छठ पूजा को मन्नतों का पर्व कहा जाता है।
भगवान भास्कर को मंगलवार की शाम छठ व्रतियों द्वारा अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए छठ घाटों की सफाई, छठ प्रतिमाओं की मरम्मत एवं रंग-रोगन तथा सजावट आदि का कार्य समाजसेवियों, श्रद्धालुओं, राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा छठ घाटों पर तैयारी का जायजा लिया जा रहा है।
क्या है शुभ मुहूर्त :
खरना करने का समय : सूर्योदय 6:25 मिनट
सूर्यास्त 5:40 मिनट
खरना का शुभ मुहूर्त : शाम 6:45 बजे से 9:55 बजे तक