शायर कौसर सिवानी की मनी जयंती
जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में रविवार को बीएसएस आर यूनियन त्रिवेदी भवन में शायर कौसर सिवानी की जयं
जासं, सिवान : जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में रविवार को बीएसएस आर यूनियन त्रिवेदी भवन में शायर कौसर सिवानी की जयंती ओम प्रकाश नारायण की अध्यक्षता में मनाई गई। सचिव मार्कंडेय ने कौसर सिवानी के फनकारी पर चर्चा करते हुए कहा कि वह भारतीय गंगा-जमुनी संस्कृति के प्रतीक थे। उन्होंने उर्दू के साथ साथ हिदी एवं भोजपुरी साहित्य को भी समृद्ध बनाने में अहम योगदान दिया एवं साहित्य क्षेत्र में अभिभावकत्व की भूमिका निभाई थी। कार्यक्रम के दौरान युगल किशोर दुबे की रचना किसानों की खामोशी को सता मजबूरी समझती है, को सराहा गया। मुख्य अतिथि राजकुमारी शबनम नें अपने संबोधन में कहा कि उन्हें इसलिए भी याद करना जरूरी है कि वह मुहब्बत और इंसानियत के शायर थे। उनकी शायरी के परचम से हिदी और उर्दू जगत गुलजार हुआ। मौके पर अली इमाम रोशन, जफर बगहवी, जाहिद सिवानी, विक्रमा पंडित, कन्हैया चौधरी, अरुण सिंह, शिवनाथ सिंह, मुनीजी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।