सरयू में उफान, दरौली में खतरे के निशान के करीब पहुंचा जलस्तर
सरयू नदी का जलस्तर धीरे-धीरे ही सही लेकिन लगातार बढ़ रहा है।
सिवान। सरयू नदी का जलस्तर धीरे-धीरे ही सही लेकिन लगातार बढ़ रहा है। बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को 42 हजार क्यूसेक पानी बढ़ा है। इसके कारण दरौली में बुधवार की अपेक्षा 18 सेमी जलस्तर बढ़ गया। अब यहां खतरे के निशान से मात्र तीन सेमी नीचे पानी बह रहा है, जो कभी भी पार कर सकता है। सिसवन में भी नौ सेमी पानी बढ़ने से अब खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर धारा बहने लगी है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को चार लाख 96 हजार 187 क्यूसेक पानी बह रहा था। गुरुवार को करीब 42 हजार बढ़कर यह पांच लाख 36 हजार 874 क्यूसेक हो गया है।
बताया गया कि ऊपर से पानी घटना शुरू हो गया है लेकिन यहां शुक्रवार तक पानी बढ़ेगा। ऊपर पानी घटने का असर शनिवार से यहां दिखाई पड़ेगा। जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि सभी तटबंधों पर नजर रखी जा रही है। अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है। जलस्तर बढ़ने पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है। सारे इंतजाम किए गए हैं।
सिसवन संवादसूत्र के अनुसार सरयू नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण भागर, कचनार, सिसवन, साईपुर, ग्यासपुर आदि गावों के तटबंधों पर भारी दबाव हो गया है। ग्यासपुर गांव में मनन साह के घर के पास पानी इतनी तेजी से बह रहा है कि वहां का तटबंध कब टूट जाए, कहा नहीं जा सकता। तटबंधों पर दबाव के कारण ग्यासपुर गांव के तटबंधीय इलाकों के ग्रामीण रात में सो नहीं पा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं तटबंध टूट गया तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि प्रशासन की तरफ से बालू की बोरियों से तटबंधों की मरम्मत की गई है, मगर ग्यासपुर गांव में मनन साह के घर के पास इस बोरी भरे बालू का कोई असर नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध की मरम्मत जल्द नहीं करवाई गई तो किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ग्यासपुर गांव निवासी मनन साह कहते हैं कि तटबंध के किनारे घर होने के कारण हमारा पूरा परिवार दहशत में जी रहा है। नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है और तटबंध पर काफी दबाव है। ग्यासपुर गांव निवासी अकबर अली कहते हैं कि बांध पर दबाव के कारण हमलोग रात भर जाग रहे हैं। सलमा खातून कहती हैं कि नदी का पानी बहुत तेजी से बढ़ रहा है और पानी बांध से टकरा कर बांध
काट रहा है। हमलोग काफी डरे हुए हैं। आमना खातुन कहती हैं कि बांध पर बालू भरकर जो बोरियां रखी गई थीं, वे पानी में बह गईं। अब बांध की मिट्टी कट रही है। इससे तटीय इलाकों के लोग काफी दहशत में हैं।
अन्नपूर्णा देवी कहती हैं कि पानी के तेज बहाव से तटबंध काफी कट रहा है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो पूरे गांव में पानी घुस सकता है। मनन साह के घर के पास तटबंध काफी कमजोर है।