फोटो :: मान-मनौव्वल के बाद आत्मदाह के इरादे से पीछे हटे राधेश्याम
सिवान । राजेंद्र कुष्ठ सेवा आश्रम के अचिकित्सा सहायक राधेश्याम ओझा ने सहकर्मियों एवं प्रशास
सिवान । राजेंद्र कुष्ठ सेवा आश्रम के अचिकित्सा सहायक राधेश्याम ओझा ने सहकर्मियों एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों की मान मनौव्वल के बाद फिलहाल आत्मदाह के इरादे को त्याग दिया है। गुरुवार को उन्होंने अपने घर पर एक सहमति पत्र बीडीओ प्रशांत कुमार को सौंप दिया।
उस समय उनके कई सहकर्मी भी मौजूद थे। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि राधेश्याम ओझा की मांग को लेकर प्रशासन गंभीर है। पीएमओ कार्यालय से मांगी गई जानकारी भेज दी गई है। स्वास्थ्य विभाग भी अपने स्तर से आवश्यक कार्रवाई कर रहा है। आगे इस संदर्भ में सरकार को निर्णय लेना है। राजेंद्र कुष्ठ सेवाश्रम के कर्मी संस्था के कायाकल्प और वेतन भुगतान के लिए स्वास्थ्य मंत्री से मिल चुके हैं और प्रयासरत हैं।
विदित हो की अचिकित्सा सहायक राधेश्याम ओझा ने एक माह पूर्व प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को पत्र भेजकर राजेंद्र कुष्ठ सेवा आश्रम की स्थिति से अवगत कराया था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि 25 साल से उन्हें वेतन नहीं मिला है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। अब जीना मुश्किल हो रहा है। अगर 30 अगस्त तक उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो 17 सितंबर को वे राजेंद्र कुष्ठ आश्रम परिसर में ही आत्मदाह करेंगे। पीएमओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच प्रतिवेदन की मांग की। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जांच कर प्रतिवेदन वरीय अधिकारियों को भेज दिया लेकिन आत्मदाह का इरादा त्यागने के लिए उन पर प्रशासनिक दबाव जारी रहा। इस प्रयास में बीडीओ प्रशांत कुमार एवं थानाध्यक्ष संजय कुमार कई बार राधेश्याम ओझा से उनके घर जाकर मिले और उन्हें समझाया। उधर राजेंद्र कुष्ठ सेवा आश्रम के अन्य कर्मियों ने पहले तो राधेश्याम ओझा का समर्थन किया लेकिन बाद में उन्हें आत्मदाह न करने की नसीहत देने लगे।
इसी प्रयास के क्रम में गुरुवार को बीडीओ प्रशांत कुमार और आश्रम के कर्मी धीरेंद्र पांडेय, धर्मसेन तिवारी, राम ¨सह, अखिलेश्वर दुबे, रामप्रवेश प्रसाद के मनाने पर राधेश्याम ओझा मान गए।