पहला मुकदमा:::पत्नी की हत्या के आरोपित को कराया था बाइज्जत बरी
अपनी आरंभिक मुकदमे का जिक्र करते हुए बताया अपना अनुभव ।
अपनी आरंभिक मुकदमे का जिक्र करते हुए जीव नाथ पाठक बताते हैं कि आंदर थाना अंतर्गत गोठी गांव निवासी जनार्दन भगत ने उन्हें अपने मुकदमे में वकील नियुक्त किया था। जनार्दन भगत की पत्नी मीना देवी की ससुराल में मृत्यु हो गई थी। मीना देवी के परिजनों ने जनार्दन भगत पर दहेज हत्या को लेकर अदालत में मुकदमा दर्ज कराया था। मीना देवी के परिजनों का आरोप था कि जनार्दन भगत मीना देवी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता था और इसकी सूचना मीना देवी ने अपने मायके को दिया था। कुछ समय पश्चात मीना देवी की निधन हो गया था। मामला संगीन और दहेज से जुड़ा हुआ था, लेकिन मैंने अपने संयम, धैर्य एवं कुशलता का परिचय देते हुए उक्त मुकदमा को ले संघर्ष किया और यह साबित करने में सफल रहा की मीना देवी की मौत जहर देकर नहीं की गई थी, बल्कि मीना देवी को जहरीले सांप ने काट लिया था,इसकी वजह से उसका निधन हो गया था। अदालत ने गुण दोष एवं सबूतों के आधार पर जर्नादन भगत को मामले से निर्दोष पाया और अंतत: बाइज्जत रिहा करने का आदेश पारित किया।
अधिवक्ता जीवनात पाठक