15 साल पहले बना जल मीनार, आज भी पानी का इंतजार
सीतामढ़ी। विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों का संपर्क
सीतामढ़ी। विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों का संपर्क अभियान तेज हो गया है। वैसे तो सुरसंड विधानसभा चुनाव में कई समस्याएं हैं जिसका जवाब पिछले चुनाव में जीतकर आने वाले प्रत्याशी के पास नहीं है। जनता उन मुद्दों को ध्यान में रखकर मतदान के मूड में है। ऐसी ज्वलंत समस्या शहर की आबादी के समक्ष पानी का है। दिन प्रतिदिन घटते भू-जलस्तर के कारण जब घर-घर में चापाकल सूखने लगते हैं, तब लोग सिस्टम को कोसते हैं। शहर के राजबाग मोहल्ले में 60 लाख रुपये की लागत से पंद्रह वर्ष पूर्व बना जलमीनार से उम्मीद जगी थी। सरकार के पैसे भी खर्च हुए और बिजली कनेक्शन भी हुआ। विडंबना यह है कि आधी आबादी को एक लोटा पानी तक नसीब नहीं हुआ। कई बार यहां की जनता, जनप्रतिनिधियों व मंत्री को इस समस्या से अवगत कराया लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली। विभागीय लापरवाही के कारण मृत हुई योजना : जनकपुर रोड नगर पंचायत के कुल 11 वार्ड वाले इस शहर को पानी की किल्लत दूर करने के लिए प्रखंड कार्यालय के समीप एक पानी टंकी का निर्माण पीएचईडी द्वारा शहरी जलापूर्ति योजना के तहत वर्ष 2005 में कराया गया था। इसका निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया। इस जलमीनार से राजबाग से लेकर दूरभाष केंद्र वाले मोहल्ले को पानी की आपूर्ति किया जाना था। इससे लोगों में हर्ष भी देखा गया था। विद्युत कनेक्शन के बाद भी नहीं मिला लाभ : पानी टंकी के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बिजली की आपूर्ति एक बड़ी बाधा बनी रही। बाद में बिजली विभाग द्वारा किसी तरह जलमीनार तक विद्युत कनेक्शन के लिए ट्रांसफार्मर स्थापित कर आपूर्ति बहाल कर दी गई। इसके बाद विभाग कई तकनीकि पेंच का हवाला दे कर्तव्य की इति श्री कर ली। सिचाई की समुचित सुविधा नहीं:
प्रखंड के 80 फीसद लोग कृषि कार्य पर आश्रित है, इसके बावजूद प्रखंड के विभिन्न स्थानों पर वर्षो पूर्व किसानों के खेतों में सस्ते दर पर सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्थापित नलकूप दशकों से बंद पड़ा है। बंद पड़े नलकूप को चालू कराने की दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो सका है।
कई वार्डों में हर घर तक नहीं पहुंच नल का जल:
प्रखंड के बिभिन्न पंचायतों के कई वार्डों में मुख्य मंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना शुरू हुई। लेकिन इसका लाभ अब तक कई वार्डों में नहीं मिल पाया है। करोड़ों खर्च किए जाने के बावजूद लोग आज भी नल जल के इंतजार में है। कहते है शहर के लोग : योजना चालू नहीं होने से मोहल्ले के लोगों की पानी की समस्या आज भी है। हर वार चुनाव में वादा कर मुकरने वाले नेताओं को जनता हिसाब लेने के मूड में है। राजबाग मोहल्ला निवासी रॉकी कुमार कहते हैं कि लाखों खर्च के बाद भी लोगों का सपना पूरा नहीं हो सका। बताया कि यह टंकी चालू हो जाती है घर मे लोगों को निजी मोटर से पानी भरने की जरूरत नही होती। इसके कारण काफी रुपये बिजली बिल में भुगतान करना पड़ रहा है।
मुकेश पांडेय बताते है कि इस चुनाव में लोग इस मुद्दे को धयान में रखकर मतदान करने वाले है। उदय कुमार का कहना है कि एक तरफ नल जल में लाखों रुपये बर्बाद किया जा रहा है वही पूर्व से निर्मित जलमीनार नकारा बना हुआ है। इसी तरह कई लोगों ने कहा कि सैकड़ों परिवारों को पानी के लिए निजी स्त्रोत ही सहारा है।