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सबकी झोलियां भरती हैं परिहार की वैष्णवी माता

सीतामढ़ी। परिहार-बेला पथ में चौक से 50 मीटर पूरब में अवस्थित है श्री वैष्णवी माता दुर्गा मंदिर।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 12:16 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 12:16 AM (IST)
सबकी झोलियां भरती हैं परिहार की वैष्णवी माता
सबकी झोलियां भरती हैं परिहार की वैष्णवी माता

सीतामढ़ी। परिहार-बेला पथ में चौक से 50 मीटर पूरब में अवस्थित है श्री वैष्णवी माता दुर्गा मंदिर। पीड़ितों का दुख हरने वाली माता के रूप में इनकी ख्याति चारों तरफ फैली है। बताते हैं कि अन्य समुदाय के लोगों में भी माता के प्रति अपार श्रद्धा है। नवरात्रि में नवमी के दिन दूसरे समुदाय की महिलाएं बड़ी संख्या में आकर यहां मन्नतें मांगती हैं। कहा जाता है कि यहां आकर सच्चे मन से मन्नतें मांगने पर हर मुराद पूरी होती है। माता के दर्शन मात्र से सुख, शांति, समृद्धि, संपत्ति एवं निरोगी काया की प्राप्ति होती है।

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इतिहास: जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर दूर माता का मंदिर अवस्थित है। बताते हैं कि परिहार बाजार पर सैकड़ों वर्ष से नवरात्र में मां दुर्गा की मूर्ति बनाकर पूजा अर्चना की जाती रही है। पूजा के बाद चंदे की शेष बची राशि को एकत्रित कर वर्ष 1975 में मंदिर वाली जमीन खरीदी गई। तब से नवरात्र में दुर्गा पूजा इस जमीन पर मनाया जाने लगा। 9 मार्च 2003 को यहां माता की मूर्ति स्थापित हुई। मूर्ति स्थापना के बावजूद यहां प्रत्येक वर्ष यहां अलग से माता की मूर्ति का निर्माण करा धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाया जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार मूर्ति स्थापित होने के बाद न सिर्फ क्षेत्र में अमन चैन कायम हुआ, बल्कि सुख समृद्धि भी आई। नवरात्रि में यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। और मन्नतें मांगते हैं।

विशेषता : प्रत्येक वर्ष नवरात्र में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करते हैं और मन्नतें मांगते हैं। मान्यता है कि जिसने भी सच्चे दिल से यहां कुछ भी मांगी, उसकी मन्नत अवश्य पूरी होती है। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं द्वारा आकर मां का दर्शन करते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था रहती है।

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मंदिर में प्रवेश मात्र से असीम शांति प्राप्त होती है। अब तक अनगिनत लोगों की मुरादे पूरी हो चुकी है। यही कारण है कि माता की ख्याति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। यूं तो हर दिन माता का दरबार आम लोगों के लिए खुला रहता है। लेकिन नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ जाती है।

-- -- विरेंद्र झा, पुजारी प्रतिदिन प्रात: एवं संध्या आरती में शामिल होती हूं। माता के प्रति हमारी अटूट आस्था है। यहां आकर मन को विशेष शांति मिलती है। आज तक जो भी मांगा माता ने पूरा कर दिया। बिन मांगे भी वैष्णवी माता खुशियां देती हैं।

--- -- अमेरिका देवी, श्रद्धालु


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