गुरुवार को आने वाली ट्रेन शुक्रवार तक लापता, नई-पुरानी मिलकर आईं पांच ट्रेनें
ट्रेनों की आवाजाही का गड़बड़झाला रेलवे के अधिकारियां के लिए भी समझ से परे है।
सीतामढ़ी। ट्रेनों की आवाजाही का गड़बड़झाला रेलवे के अधिकारियां के लिए भी समझ से परे है। गुरुवार को पहुंचने वाली चार ट्रेनों के बारे में शुक्रवार शाम तक कोई जानकारी नहीं थी। शुक्रवार को सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर पांच ट्रेनें प्रवासियों को लेकर पहुंची। इनमें तीन ट्रेनें एक दिन पहले ही पहुंचनी थी। खैर, शुक्रवार को दो ट्रेनों में दोनों ही मुंबई के लोकमान्य तिलक व छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन से आईं। इनसे 1849 प्रवासी लौटे। शुक्रवार को आई गुरुवार की ट्रेनों में तीनों ही पंजाब के दोहरा स्टेशन से आईं थी। जिनमें एक मधुबनी, दूसरी दरभंगा तो तीसरी सीतामढ़ी के लिए सीधी चली थी। मधुबनी वाली ट्रेन से 37, दरभंगा वाली से 201 तो सीतामढ़ी वाली ट्रेन से 1147 प्रवासी उतरे। इस प्रकार शुक्रवार को पांच ट्रेनों से 3218 प्रवासी पहुंचे। अब भी चार ट्रेनों का अता-पता नहीं है। उनमें दो ट्रेन मुंबई से सीतामढ़ी और दो मुंबई से दरभंगा के लिए चली थीं। गौरतलब है कि 6 मई से प्रवासियों को ढोने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे के अधिकारी सीतामढ़ी जिले में अभी तक 55,882 प्रवासियों के पहुंचने की बात स्वीकार करते हैं। सीतामढ़ी तक सीधी 38 ट्रेनें आईं जिनसे कुल 46427 प्रवासी लौटे हैं। वाया सीतामढ़ी होकर आने वाली ट्रेनों से 5455 प्रवासी आए हैं। ट्रेनों की आवाजाही में 24 घंटे ड्यूटी दे रहे तमाम पदाधिकारी
प्रवासियों को बसों से क्वारंटाइन सेंटर रवाना किया गया। ट्रेन आने के पूर्व से रेलकर्मी स्टेशन परिसर में तैनात रह रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार कैंप कर रहे हैं। जैसे ही ट्रेन एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची राजकीय रेल पुलिस के थानाध्यक्ष राजकुमार राम व रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार, उप निरीक्षक पीके झा सुरक्षा बलों के साथ ट्रेन को अपनी अभिरक्षा में ले लिया। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर आइएएस कुमार गौरव, एसडीपीओ डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र, एसडीएम रोचना माद्री तथा स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद, उप स्टेशन अधीक्षक सुरेंद्र कुमार सिंह व पूछताछकर्मी मनोरंजन सिंह भी मौजूद थे। वही राजकीय रेल पुलिस की महिला टीम लीडर एएसआइ मंजू कुमारी, हवलदार पवन देवी, आरक्षी पूनम कुमारी, रेखा रानी, अस्मिता कुमारी, प्रतिमा कुमारी व मिता कुमारी के साथ स्टेशन पर कोरोना योद्धा की तरह डटी रहीं।
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