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शौचालय बना राशि के लिए लगा रहे चक्कर, अब भी लोग जा रहे खुले में शौच

जिला मुख्यालय के सबसे नजदीक डुमरा प्रखंड के पुनौरा पूर्वी पंचायत में 22 सौ लोगों के घर में शौचालय का निर्माण हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 12:56 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:17 AM (IST)
शौचालय बना राशि के लिए लगा रहे चक्कर, अब भी लोग जा रहे खुले में शौच
शौचालय बना राशि के लिए लगा रहे चक्कर, अब भी लोग जा रहे खुले में शौच

सीतामढ़ी। जिला मुख्यालय के सबसे नजदीक डुमरा प्रखंड के पुनौरा पूर्वी पंचायत में 22 सौ लोगों के घर में शौचालय का निर्माण हुआ। इसमें से 1400 लोगों को इसका अनुदान की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। अभी भी पंचायत के वार्ड 6, 8 व 12 में परिवार के अनुपात में शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है। जिस कारण लोग अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। शौचालय बना चुके लोग अनुदान राशि के लिए आज भी इसके लिए चक्कर लगा रहे हैं। जबकि वार्ड सात में मनरेगा से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तो कराया गया लेकिन अब तक वह चालू नहीं हो सका। वहीं, वार्ड 11 गनौजिया टोल में पूर्व डीएम रणजीत कुमार सिंह द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व बड़े पैमाने पर शौचालय बनाया गया था। लेकिन उनके जाने के बाद अब तक 14 लोगों को शौचालय की राशि उपलब्ध नहीं हो पाया है।

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घर-घर शौचालय का सपना आज भी अधूरा

पुपरी : स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत सरकार की महत्वपूर्ण योजना घर-घर शौचालय निर्माण का सपना आज भी अधूरा है। आज भी गांव के गरीब हाथ में लोटा लेकर सुबह शाम खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। इतना ही नही जिन्होंने शौचालय बनाया भी तो उनमें काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो इस्तेमाल नही कर रहे। ओडीएफ घोषित होने के बाद भी कई ऐसे पंचायत है जहां प्रोत्साहन राशि के भुगतान में देरी व गड़बड़ी योजना की सफलता में बाधक साबित हुआ। इतना ही भ्रष्टाचार की गिरफ्त में इस योजना का लाभ वैसे लोगो को भी मिल गया। जिन्होंने वर्षो पुराने शौचालय के नाम पर राशि ले लिया। कही-कहीं तो एक ही परिवार में कई लोग इसका लाभ लेने से पीछे नही रहे। वैसे तो प्रखंड के 13 पंचायत ओडीएफ घोषित है। लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। इनमे एक पंचायत है पुपरी। दो साल पहले इस पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया। इस दौरान पंचायत में करीब पंद्रह सौ शौचालय निर्माण का दावा किया गया जो हकीकत में खानापूरी जैसी है। सुबह चार-पांच बजे के बीच लोटा लेकर या बिना लोटा लोग खुले में शौच करने जाते देखे जा सकते हैं। मुखिया माधो राम बताते है कि पंद्रह से सोलह सौ की सूची पंचायत के तरफ से भेजी गई। लेकिन सूची के अनुरूप शत प्रतिशत लोगो का शौचालय मद की राशि नही मिली। अभी भी डेढ़ सौ लोग राशि से वंचित है।

कागजी खानापूर्ति बन कर रह गया ओडीएफ

रीगा: प्रखंड में ओडीएफ केवल कागजी खानापूर्ति बन कर रह गया है ओडीएफ के तहत शौचालय बनाने के लिए सरकार से 12000 की राशि लाभुकों को दी गई है। कुछ ऐसे भी लाभुक हैं जो पैसा लेकर अभी तक शौचालय का निर्माण नहीं करा पाए हैं। बहुत सारे ऐसे लाभुक हैं जिन्होंने शौचालय का निर्माण कराया लेकिन उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। कई लोग शौचालय बनाकर तैयार कर लिए लेकिन उन्हें अभी तक उनके खाते में राशि नहीं दी गई है यह सब केवल कागजी खानापूर्ति भर रह गई है। गांव- गांव से लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं जिन्हें कोई उपयुक्त उत्तर भी नहीं दिए जाते हैं ऐसी बात महीनों से चल रही है जबकि रीगा प्रखंड के सभी पंचायत ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। इस संदर्भ में ओडीएफ प्रभारी कुमार विजय कृष्णा बताया है कि वैसे लाभुक जो राशि लेकर अभी तक शौचालय का निर्माण नहीं कराए हैं। उनके खिलाफ हर हाल में कार्रवाई की जानी है उन्होंने बताया कि जिन लोगों का राशि बकाया है उनके लिए सारी प्रक्रिया पूरी की जा रही है प्रक्रियाएं पूरी होने पर अति शीघ्र लाभुकों के खाते में राशि डाल दी जाएगी।


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