पति के लिए महिलाओं का महान पर्व करवा चौथ आज
पति एवं परिवार की समृद्धि के लिए महिलाओं द्वारा किया जाने वाला व्रत करवा चौथ गुरुवार को है।
सीतामढ़ी। पति एवं परिवार की समृद्धि के लिए महिलाओं द्वारा किया जाने वाला व्रत करवा चौथ गुरुवार को है। इसके लिए व्रती महिलाओं ने तैयारी पूरी कर ली है। इस व्रत में महिलाएं स्वयं ही लक्ष्मी-गणेश के साथ चंद्र व पति की पूजा अर्चना करती है। वे इस व्रत में अखंड सौभाग्य के साथ ही देवी देवताओं से घर में शांति एवं समृद्धि की कामना करती है। इसमें व्रती निर्जला रह कर संध्या पहर भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा के बाद चंद्र की शीतल रोशनी में पति के पूजा आरती करते हुए आशीर्वाद ग्रहण करती है।
महत्व:
छांदोग्य उपनिषद के अनुसार चंद्रमा में पुरूष रूपी ब्रह्मा की उपासना करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। साथ ही साथ इससे लंबी और पूर्ण आयु की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा किया जाता है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास अथवा सास के समकक्ष किसी सुहागिन के पांव छूकर सामग्री भेंट करनी चाहिए। चंद्रोदय समय : 20:50 मिनट पूजा सामग्री को सुहागिनों की उमड़ी भीड़
करवा चौथ को लेकर बुधवार को कुम्हार, श्रृंगार प्रसाधन, पूजा व फल की दुकानों पर सुहागिनों की भीड़ लगी रही। व्रत को लेकर इन वस्तुओं के मूल्यों में भी वृद्धि देखी गई है। करबा 30 रुपये प्रति पीस, थाली, चलनी व लोटा 250 रुपये सेट, रोली 5 रुपये पीस, दीप दो रुपये से पांच रुपये, सरबा पांच रुपये पीस, मेंहदी दस से 25 रुपये पीस, श्रृगार की वस्तु का सेट 40 रुपये, चुनरी दस रुपये, लहठी एक सौ से तीन सौ रुपये सेट, नेल पॉलिस दस रुपये से 20 रुपये, केला 30 से 40 रुपये दर्जन, बेदाना 150 रुपये किलो, सेव 50 से 90 रुपये किलो, मौसमी 40 रुपये किलो, नारंगी 80 रुपये किलो से बाजार में बिक रहा था।