गलत ढंग से बाढ़ राहत का लाभ लेने वालों पर होगी कार्रवाई
सभी वास्तविक बाढ़ प्रभावित परिवारों को बाढ़ साहाय्य एवं अनुदान देने के लिए जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है।
सीतामढ़ी: सभी वास्तविक बाढ़ प्रभावित परिवारों को बाढ़ साहाय्य एवं अनुदान देने के लिए जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है। लेकिन कई जगहों पर फर्जी तरीके से लोग बाढ़ साहाय्य एवं अनुदान का लाभ लेने की शिकायत आई है। इसे लेकर जिला प्रशासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जारी आदेश में पंचायत अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष, वार्ड सदस्य, बाढ़ राहत लाभार्थी को निर्देशित किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि बाढ़ से अप्रभावित परिवार द्वारा गलत दावा करते हुए बाढ़ राहत का लाभ लेने पर उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 52 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जो दोषसिद्ध होने पर 2 वर्ष की सजा एवं आर्थिक दंड का भागीदार होंगे। इस अधिनियम की धारा 53 अंतर्गत पंचायत अनुश्रवण के सदस्य भी बाढ़ अप्रभावित परिवार एवं फर्जी तरीके से लोगों को बाढ़ राहत दिलाने के कारण कानून के दायरे में आएंगे। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 अंतर्गत भी प्राकृतिक आपदा बाढ़ से संबंधित कोई भी परिवाद कभी भी दायर किया जा सकेगा। साथ ही लोक प्राधिकार द्वारा यदि यह प्रतिवेदित किया जाता है कि गलत तरीके से बाढ़ राहत का लाभ लिया गया है अथवा दिलवाया गया है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम की सुसंगत धारा में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई का आदेश संबंधित थानाध्यक्ष को दिया जा सकता है। फर्जी बाढ़ राहत लाभार्थी की पहचान के लिए तकनीक खाता, आधार ¨लकेज के बारे में सभी को जानकारी है। इसके तहत लाभार्थी के खाता के साथ आधार संख्या की भी प्रविष्टि की गई है जिसे ¨लक कर दिया गया है। यदि एक ही खाता की गलत मंशा से दो बार प्रविष्टि हुई है तो ऐसे मामले जल्द प्रकाश में आ जाएंगे। कुछ बाढ़ प्रभावित परिवारों के समूह की तकनीक, इसे सीतामढ़ी एनआईसी द्वारा सॉफ्टवेयर आधारित विकसित किया गया है। इस तकनीक से 5 - 6 परवारों को एक समूह में रखा गया है। यदि एक परिवार में दो लोगों का खाता प्रविष्ट होगा तो उसका जल्द पता चल जाएगा । गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जो सैटेलाईट से प्राप्त इमेज पर आधारित है। जिसके प्रयोग से किसी बाढ़ राहत का दावा करने वाले परिवार के घर में या घर के आस- पास बाढ़ के पानी का जमाव रहा है या नहीं। बाढ़ पूर्व पानी था या नहीं, कितने दिनों तक यह जमाव रहा। पानी का हर एक - दो दिन के बाद रंग परिवर्तन आदि के आधार पर सही एवं गलत दावे को पकड़ा जा सकता है ।