आनंद के झोंके के बीच बह रही थी सीयाराम की धारा
बाहर कड़ाके की ठंड के बावजूद खरका रोड स्थित रामकथा स्थल मिथिलाधाम में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है।
सीतामढ़ी । बाहर कड़ाके की ठंड के बावजूद खरका रोड स्थित रामकथा स्थल मिथिलाधाम में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। घना कोहरा और शीतलहर के बावजूद हजारों लोग कथास्थल की ओर जाते दिख रहे हैं। कथा स्थल पर व्यास पीठ से मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू रामकथा के दौरान संगीतमय कथा से लोगों को भाव-विभोर कर रहे हैं। कभी सीया, कभी राम कभी शिव तो कभी सती के चरित्र का वर्णन करते हुए लोगों को भक्ति के सागर में गोता लगाने को मजबूर कर दे रहे हैं। पूर्वाग्रहों को तोड़ते हुए धर्म की गुढ़ तत्व से अवगत कराते आनंदमय माहौल के बीच रामकथा के विभिन्न चरित्रों से अवगत कराते दिख रहे हैं। समझाने के क्रम में भाषा के बंधनों को तोड़ते हुए कभी फिल्मी गीत तो कभी गजल को माध्यम बनाते हुए भक्ति की उस मुकाम की ओर ले जाते हैं जहां कथा स्थल पर उपस्थित लोग उस रसधार से अपनी प्यास बुझाते हैं। वे कहते भी हैं भाषा नहीं भाव को पकड़ो। संगीत के धुनों के बीच झूमते गाते लोग वहां आनंद की अनुभूति तो करते हीं है लेकिन अंतरधारा में सीयाराम -सीयाराम की धारा ही बहती रहती है। जब वे कहते हैं जय सीयाराम, जय जय सीयाराम तो उपस्थित हजारों लोग भी समवेत स्वर में बोल उठते हैं जय सीयाराम, जय जय सीयाराम। चारों ओर बस सीयाराम-सीयाराम ही व्याप्त दिखता है। पूरा कथा स्थल सीयारामय हो चुका है। मोरारी बापू कहते हैं कुछ क्षणा के लिए ही सही लेकिन रामकथा का पान करो, जितनी देर करो आनंदमय होकर करो। न कोई बंधन, न कोई नियम बस आनंद ही आनंद और इसी आनंद के झोंके के बीच सीयाराम की बह रही धारा से हर दिन हजारों लोग तृप्त हो रहे हैं।
मां ने बुलाया तो चला आया
सीतामढ़ी : रामकथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी में कथा कहने के लिए किसी ने बुलाया नहीं। उन्हें तो सीया ने बुलाया है। मां की गोद में कथा कहने का सौभाग्य मुझे मिला है। ऐसा आनंद और कहां मिलेगा। मां की गोद में सीयाराम की कथा कहने का आनंद कहीं और नहीं मिल सकता है। मिथिला की भूमि धन्य है यहां के लोग धन्य हैं। कहा कि रामकथा हो रही सभी तीर्थ अभी यहीं है।