जनहित नहीं स्वहित हो चुकी है आज की राजनीति
सीतामढ़ी। विश्व मानव जागरण मंच के बैनर तले बाजपट्टी प्रखंड के मुरौल बाजार पर मतदाता जागरूकता पंचायत संपर्क सभा का आयोजन किया गया।
सीतामढ़ी। विश्व मानव जागरण मंच के बैनर तले बाजपट्टी प्रखंड के मुरौल बाजार पर मतदाता जागरूकता पंचायत संपर्क सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता ¨प्रस कुमार कुशवाहा ने तथा संचालन किशोर राय ने किया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंच के संस्थापक अमित चौधरी उर्फ माधव चौधरी ने कहा कि आज राजनीति जनहित का विषय ना होकर स्वहित का विषय बन चुका है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा दिया गया समतामूलक समाज का नारा जहां कि सब लोगों का एक समान आर्थिक और सामाजिक अधिकार हो। लेकिन आजादी के बाद से आजतक हमे इन पार्टियों के द्वारा सत्ता परिवर्तन के नाम पर हमारे दलितों, पिछड़ों और शोषित को दलित से महादलित पिछड़ा से अतिपिछड़ा बना दिया गया। आरक्षण की व्यवस्था शोषित वर्ग को समाज के मुख्यधारा में समान अधिकार और सम्मान के साथ उत्थान करने की थी लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल करके राजनीति की रोटी सेंक रहे हैं। अभिराम पांडेय ने कहा अपने संबोधन में कहा समाज कि जो दो मूल समस्याएं हैं गरीबी और भ्रष्टाचार इन से लड़ने का सही और सीधा रास्ता है राजनीतिक आजादी को पाना। मतलब जनता मालिक खुद चुनेगी। आर्थिक आजादी का मतलब मूल मुनाफा तीसरा हिस्सा मजदूर का। इस समाधान के साथ गरीबी और भ्रष्टाचार से छुटकारा पाया जा सकता है। जिला मुखिया संघ के पूर्व अध्यक्ष गोपाल झा ने कहा कि
शिक्षा व्यवस्था की बात की जाए आजादी से अब तक शिक्षा के नाम पर जो इन्होंने हमें थमाया है वह है हमारे बच्चों के बैग में किताब और पेंसिल की जगह पर थाली और कटोरा थमाया जा रहा है। इसका एक ही उद्देश्य है कि हमारे बच्चे शिक्षा ना हासिल कर सके और अपने अधिकार के लिए ना लड़ सके। सिर्फ सत्ता परिवर्तन होता आ रहा है। आज जरूरत है व्यवस्था परिवर्तन की।
¨पटू चौधरी ने कहा कि कभी धर्म के नाम पर कभी जात के नाम पर कभी सम्प्रदाय के नाम पर अलग अलग झंडे के तले शोषित किया है। उस व्यवस्था में हमारे अधिकारों के अनुरूप नीति निर्धारण हो जो कि उनका संरक्षण कर सके हमारे समाज की समस्याओं का समाधान कर सके। कार्यक्रम में चंद्रदेव मंडल, कौशल चतुर्वेदी, बीरेंदर बैठा, मुस्तफा, धीरेंद्र कुंवर, साबिर अंसारी, सुनील चौधरी, संजय पासवान, प्रभास चौधरी, खैतउन निशा सहित कई लोग थे।