मानव भगवान के अनमोल रत्न, हम सभी जीवन के महत्व को समझें: शंकराचार्य
भगवान ने सृष्टि की रचना की और पृथ्वी मानव जीवन का निर्माण किया। मानव भगवान के अनमोल रत्न है और हम सभी को जीवन के महत्व को समझने की जरुरत है।
सीतामढ़ी। भगवान ने सृष्टि की रचना की और पृथ्वी मानव जीवन का निर्माण किया। मानव भगवान के अनमोल रत्न है और हम सभी को जीवन के महत्व को समझने की जरुरत है। उक्त बातें झझिहट-हरदिया में आयोजित दस दिवसीय श्रीसहस्त्रचंडी महायज्ञ में पहुंचे पूरी के पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महराज ने प्रवचन के क्रम में बुधवार की देर शाम कही। उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य और कर्म के बदौलत ही परमात्मा मनुष्य जैसे खूबसूरत देन को इस पृथ्वी पर भेजते है। वे ही सभी के रक्षक और पालनहार है। रसायन और भौतिक विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने सृष्टि एवं जीवन के निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला। स्वामी शंकराचार्य ने संस्कृत भाषा में श्लोक के माध्यम से लोगों के जीवन की भूमिका और कर्तव्य की जानकारी दी। मानव जीवन के मूल उद्देश्यों को समझाया साथ ही इसका अनुकरण करने की बात कही। पूरी पीठाधीश्वर के प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दस दिवसीय श्रीसहस्त्रचंडी महायज्ञ से भक्तिमय हुआ इलाका
पुपरी (सीतामढ़ी) संस : झझिहट-हरदिया स्थित शक्तिधाम परिसर में आयोजित श्रीसहस्त्रचंडी महायज्ञ से इलाका भक्तिमय बना हुआ है। दस दिवसीय महायज्ञ के तहत गुरुवार को मुख्य अतिथि पूरी पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महराज ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सबसे पहले झझिहट महारानी स्थान में देवियों की पूजा अर्चना कर प्राण प्रतिष्ठा की। इसके बाद महायज्ञ स्थल पर दीप प्रज्वलित कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन किया। दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत पहुंचे स्वामी शंकराचार्य को आयोजन समिति की ओर से जानकी उछ्वव प्रतीक चिह्न आदि भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान स्वामी जी से दीक्षा लेने और मिलने को लेकर आम-खास सभी वर्ग के लोगों की भीड़ लगी रही। अनुमंडल पदाधिकारी धनंजय कुमार भी महायज्ञ स्थल पहुंचकर महराज का आशीर्वचन लिया। मौके पर आचार्य भगवान मिश्र, पंडित अम्बिका चरण झा, श्रीपति झा, दीनबंधु मिश्र, बृजभूषण चौधरी, नगर अध्यक्ष मनोज यादव, राजू चौधरी, विनोद झा, मयाशंकर झा, विद्यानंद झा, दीपेश मल्लिक, रामबाबू पासवान, नारायण ठाकुर समेत काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।