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बरकत वाला महीना है रमजान

गर्मी और तपिश के बीच रोजेदार अल्लाह ताला की खिदमत में रोजा और नमाज की अदायगी को लेकर कोई चूक नहीं छोड़ना चाहते।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 12:32 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 12:32 AM (IST)
बरकत वाला महीना है रमजान
बरकत वाला महीना है रमजान

सीतामढ़ी। गर्मी और तपिश के बीच रोजेदार अल्लाह ताला की खिदमत में रोजा और नमाज की अदायगी को लेकर कोई चूक नहीं छोड़ना चाहते। रमजान के दूसरे जुम्मा को जहां मस्जिदों में भीड़ उमड़ती रही, वहीं बच्चों में भी रोजा के प्रति उत्साह था। नन्हें रोजेदार गुलामे शहंशाह कौसर बताती है कि वह प्रत्येक दिन लगातार रोजा रखती है। अहले सुबह सेहरी के साथ ही पांचों वक्त का नमाज अदा करती है। इफ्तार के बाद सरावीह भी जेहन से सुनती है। जिशान हुसैन बताते हैं कि रमजान में नेकी करते हुए अपने आस पड़ोस के लोगों व गरीबों की बेहतर सेवा करनी चाहिए। यह महीना बरकत वाला महीना होता है।

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मो. हुसैन बताते हैं कि तरावीह का नमाज सुकून देता है। अब्बा और अम्मी के साथ साथ इस वर्ष से रोजा शुरू किया हूं। आला ताला से दुंआ मांगता हूं।

हाजरा शफीक कहते हैं कि रोजा से अल्लाह ताला से शबाव मिलता है। लोगों से सुनते हैं कि तरावीह की नमाज से सुकून मिलता है। जरूरतमंदों की करें मदद : हन्नान मौलाना हन्नान साहब बताते हैं कि अहादिसे करीमा में इस्की बेशुमार फजीलतें आई है। रमजान का यह महीना नेहायत खैरो बरकत वाला महीना है। रमजान के इस महीने को तमाम महीनों से अफजल बनाया है। इसमें हर लम्हा अनगिनत अनवार का हुहुर होता है। नफिल इबादत का सवाल फर्ज इबादत के बराबर और फर्ज का सवाब सत्तर गुणा बढ़ा दिया जाता है। रमजान में मुहतानों और जरूरतमंदों को खाना खिलाएं, कपड़े पहनाएं, यतीमों, बेवाओं और मोहताओं की मदद करें।


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