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पुनर्जीवित लखनदेई की उफनती धारा को रोकने में माकूल नहीं तटबंध

रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी)। मानसून की आहट मात्र से ही निचले इलाकों में रहने वालों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 12:58 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 12:58 AM (IST)
पुनर्जीवित लखनदेई की उफनती धारा को रोकने में माकूल नहीं तटबंध
पुनर्जीवित लखनदेई की उफनती धारा को रोकने में माकूल नहीं तटबंध

रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी)। मानसून की आहट मात्र से ही निचले इलाकों में रहने वालों की धड़कनें तेज हो गई हैं। लखनदेई तो पुनर्जीवित हो चुकी मगर उसके बांयें -दायें कहीं भी तटबंध नहीं हैं। जमींदारी बांध के रूप में कहीं इसका अस्तित्व शेष भी है तो इस लायक नहीं कि इसकी उफनती धारा के दबाव को झेल सके। लखनदेई को पुनर्जीवित किया जाना अगर आसपास के इलाकों के लिए खुशहाली का कारण बना है तो बगैर सुरक्षात्मक तैयारी के तबाही का कारण भी बन सकता है। इन्हीं मुद्दों को लेकर अथरी गांव में 1 मई को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में उनके आवास पर बैठक हुई थी। जिसमें मौजूद विधायक पंकज कुमार मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि उच्चस्तरीय बातचीत के बाद लखनदेई के तटबंध को शीघ्र ही सु²ढ़ कर लिया जाएगा। इस संबंध में रुन्नीसैदपुर के अथरी, बगाहीं-रामनगर व रैन विशुनी पंचायत के मुखिया से भी बातचीत की तथा लोगों को आश्वस्त किया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मनरेगा से मिट्टी कार्य कराकर ध्वस्त तटबंधों की मरम्मत समय रहते करा ली जाएगी। मनरेगा के तहत ही मनुषमारा के चैनल के ध्वस्त तटबंधों की मरम्मत कराई जानी थी। बैठक में लिए गए निर्णय व आश्वासन के तीन सप्ताह बाद भी मरम्मत कार्य की शुरुआत तक नहीं हो सकी। 15 जून की निर्धारित तिथि के बाद मिट्टी कार्य पर रोक लगना भी निश्चित है। मध्य विद्यालय माधोपुर चौधरी के समीप लखनदेई नदी के कटाव से जहां बांया तटबंध ध्वस्त है वहीं विद्यालय भवन के अस्तित्व पर संकट खड़ा है। नदी की धारा ध्वस्त तटबंध की राह निकल कर इलाके में पहले से ही तबाही मचा रही थी। अब लखनदेई को पुनर्जीवित किए जाने के बाद इलाके में होने वाली तबाही की कल्पना से लोग दहशत में हैं। इस स्थल पर कार्य कराने की जवाबदेही संबंधित पंचायत की मुखिया किरण देवी को दी गई थी। रैन विशुनी पंचायत की मुखिया किरण देवी के पुत्र व पूर्व मुखिया नीरज कुमार की मानें तो करीब तीन सप्ताह पूर्व जब उन्हें जवाबदेही मिली, संबंधित कार्य के प्रस्ताव को डीडीसी के पास भेज दिया था। अबतक स्वीकृति नहीं मिली है। 15 जून अब नजदीक ही है। इसके बाद मजदूरों का भुगतान संभव नहीं है। लालफीताशाही में फंसे इस कार्य को ससमय पूरा कर पाना संभव नहीं है हालांकि, अथरी पंचायत के मुखिया आलोक कुमार ने कहा कि तटबंध को सु²ढ़ करने की जवाबदेही जो उन्हें मिली है उसे ससमय पूरा कर लिया जाएगा। कुछ तकनीकी कारणों से शुरुआती विलंब हुई है। जून के प्रथम सप्ताह में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। विधायक पंकज कुमार मिश्रा की मानें तो डीडीसी से बातचीत हुई है। मनरेगा से कार्य के लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी शीघ्र ही संबंधित मुखिया को प्राप्त हो जाएगी। तटबंध मरम्मत का कार्य ससमय पूरा कर लिया जाएगा। इन आश्वासनों के बावजूद लखनदेई के साथ- साथ मनुषमारा चैनल के ध्वस्त तटबंधों की अति शीघ्र मरम्मत नहीं हुई तो इलाके में बाढ़ की तबाही निश्चित है। खेत-खलिहान से लेकर गांव तक गहरे पानी में लोग एक बार फिर से डूबने को मजबूर होंगे।

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