कातिब के कत्ल की साजिश परत-दर-परत हो रही बेपर्द, एक और शातिर का सामने आया बयान
सीतामढ़ी । डुमरा रजिस्ट्री ऑफिस के कातिब (मुहर्रिर) नंदकिशोर राय के कत्ल की साजिश परत-दर-परत बेपर्द हो रही है।
सीतामढ़ी । डुमरा रजिस्ट्री ऑफिस के कातिब (मुहर्रिर) नंदकिशोर राय के कत्ल की साजिश परत-दर-परत बेपर्द हो रही है। शूटरों के बाद उस एक शातिर का भी पुलिस को दिया बयान भी सामने आया है जिसने यह बात कबूल की है कि जिस जमीन के लिए कातिब की हत्या हुई, उसकी बिक्री के बाद मुनाफे में से उसको भी तय राशि मिलनी थी। मगर, मुनाफा हाथ लगने से पहले ही वह पुलिस के हाथ लग गया। इस शातिर का नाम है अनिल कुमार यादव पिता रामस्नेही यादव, जो पुनौरा थाने के रंजीतपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में इस शातिर ने भी बताया कि शहर से सटे कांटा चौक के पास 51 डिसमील जमीन के चक्कर में कातिब को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस हत्याकांड में और कौन-कौन लोग किस तरह जुड़े हुए थे, इसके बारे में भी उसने तमाम पर्दाफाश किए हैं। पिछले साल जनवरी माह में जमीन की तय हुई डील
पुलिस के सूत्रों का कहना है कि नौ जून को गिरफ्तारी के दौरान अनिल यादव ने पुलिस को जो बयान दिया उसके मुताबिक, विश्वनाथपुर डुमरा के रामजी राय के घर पर डुमरा थाना पुलिस पदाधिकारी ने उसका बयान कलमबद्ध किया। उसने बताया कि कांटा चौक सीतामढ़ी के पास वैद्यनाथ प्रसाद के द्वारा 2012 में रमण कुमार से 51 डिसमिल जमीन खरीदी गई थी। उसी जमीन को 2014 में नंदकिशोर राय एवं पुट्टू खां (पिता रजी अहमद खान, मेहसौल वार्ड नंबर-24) के द्वारा मिलकर कृष्णा बिहारी पिता सुरेश यादव एवं अनिल कुमार पिता रामेश्वर प्रसाद भासर के नाम अपना पैसा लगाकर लिखवा दिया गया। जिसपर वर्तमान में कृष्णा बिहारी और अनिल कुमार का ही दखल-कब्जा चला आ रहा है। वर्ष 2020 के जनवरी में वैद्यनाथ प्रसाद इसी जमीन को बेचने के लिए सुवंश राय (पिता रामदेव राय, जानकी स्थान) से बात की। सुवंश राय ने उस जमीन की कीमत आठ लाख 21 हजार रुपये लगाई और 50 हजार ब्रोकर को मिलकर देने के लिए वैद्यनाथ प्रसाद से बोले। ब्रोकर को दिए जाने वाले पैसे को छोड़कर जमीन की कुल कीमत एक करोड़ तय हुई।